कमज़ोर डिमांड के बीच TCS का मास्टरस्ट्रोक? निवेशकों का भरोसा बढ़ाने को हो सकता है बायबैक

आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को लेकर निवेशकों के बीच एक नई उम्मीद जग रही है। हांगकांग की ब्रोकरेज फर्म सीएलएसए (CLSA) का मानना है कि टीसीएस जल्द ही बायबैक योजना की घोषणा कर सकती है। हाल ही में इंफोसिस ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाने के लिए बायबैक का रास्ता चुना है। ऐसे में दबाव बढ़ गया है कि टीसीएस भी इसी तरह का कदम उठाए। गौरतलब है कि कंपनी ने दिसंबर 2023 में भी शेयर बायबैक किया था, जिसे निवेशकों ने सकारात्मक संकेत के तौर पर देखा था।
डिविडेंड की जगह टेंडर ऑफर स्टाइल बायबैक की संभावना
सीएलएसए ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्तीय वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही में टीसीएस डिविडेंड देने की बजाय 20,000 करोड़ रुपये का टेंडर ऑफर स्टाइल बायबैक कर सकती है। इसके पीछे उद्देश्य है निवेशकों में भरोसा कायम रखना और बाजार में सकारात्मक धारणा बनाना। विशेषज्ञों का कहना है कि आईटी सेक्टर इस समय कमजोर मांग के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में बायबैक का ऐलान निवेशकों को राहत देने वाला कदम साबित हो सकता है।
इंफोसिस के फैसले से टीसीएस पर दबाव
इंफोसिस की ओर से बायबैक की घोषणा किए जाने के बाद से टीसीएस के शेयरों में तेजी देखने को मिल रही है। ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि अब टीसीएस पर भी दबाव है कि वह अपने निवेशकों का भरोसा बनाए रखे। निवेशकों की उम्मीदें बढ़ गई हैं कि कंपनी किसी बड़े फैसले का ऐलान कर सकती है। यही कारण है कि टीसीएस का शेयर बाजार में चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
इंफोसिस का ट्रैक रिकॉर्ड और टीसीएस की रणनीति
गौर करने वाली बात यह है कि इंफोसिस का बोर्ड 11 सितंबर को बायबैक प्रस्ताव पर फैसला लेने जा रहा है। अगर इस पर मंजूरी मिलती है, तो यह इंफोसिस का पिछले आठ वर्षों में पांचवां बायबैक होगा। इंफोसिस ने पहली बार अगस्त 2017 में शेयर बायबैक का ऐलान किया था। अब निवेशकों की निगाहें टीसीएस की रणनीति पर टिकी हैं। अगर कंपनी 20,000 करोड़ रुपये के बायबैक का ऐलान करती है, तो यह न केवल निवेशकों को मजबूत संदेश देगा बल्कि आईटी सेक्टर में भी एक सकारात्मक लहर पैदा करेगा।