आखिरी मौका! ITR फाइलिंग 15 सितंबर तक, देर हुई तो टैक्स पेयर को पड़ सकता है झटका

भारत में हर करदाता के लिए यह जरूरी है कि वह अपनी आयकर वापसी (Income Tax Return – ITR) समय पर दाखिल करे। सरकार हर वर्ष इसके लिए एक निर्धारित समय सीमा तय करती है। इस साल गैर-ऑडिट करदाताओं के लिए अंतिम तिथि 15 सितंबर 2025 है, यानी आज। जिन करदाताओं को अपने खातों का ऑडिट कराने की आवश्यकता नहीं है, उन्हें आज ही वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपनी ITR दाखिल करनी होगी। समय पर रिटर्न दाखिल न करने की स्थिति में करदाताओं को कई प्रकार की समस्याओं और दंड का सामना करना पड़ सकता है।
देर से ITR दाखिल करने की अनुमति
यदि आप 15 सितंबर की समय सीमा चूक जाते हैं, तो भी आप अपनी ITR देर से दाखिल कर सकते हैं। आयकर विभाग ने यह सुविधा इस उद्देश्य से दी है ताकि जो करदाता समय पर रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए, वे भी अपनी आय और कर का सही विवरण दाखिल कर सकें। हालांकि, देर से ITR फाइल करने के कुछ नुकसान और शर्तें हैं। सबसे पहले, करदाता को दंड (Penalty) और ब्याज (Interest) का सामना करना पड़ सकता है। इसके अलावा, देर से रिटर्न दाखिल करने पर कुछ विशेष कर लाभ और छूट भी खो जाती हैं।
देर से फाइलिंग पर दंड और ब्याज
आयकर अधिनियम की धारा 234F के तहत, यदि आप समय पर ITR दाखिल नहीं करते हैं तो आपको दंड भरना पड़ सकता है। यदि आपकी कुल आय 5 लाख रुपये से अधिक है, तो दंड अधिकतम 5,000 रुपये तक हो सकता है। वहीं, 5 लाख रुपये से कम आय वाले करदाताओं को 1,000 रुपये का दंड लगेगा। इसके अतिरिक्त, बकाया कर पर ब्याज भी देना होगा, जो धारा 234A के तहत लागू होता है। यह ब्याज सामान्यतः 1 प्रतिशत प्रति माह की दर से लगता है, जो रिटर्न की समय सीमा से वास्तविक भुगतान और दाखिल की तारीख तक की अवधि पर आधारित होता है।
देर से फाइलिंग के अन्य नुकसान और अंतिम तिथि
देर से ITR दाखिल करने का सबसे बड़ा नुकसान यह है कि इससे कर में छूट और लाभ भी खो जाते हैं। धारा 139(1) के तहत, समय पर दाखिल नहीं करने पर आप अपने पिछले वर्षों के नुकसान (जैसे व्यवसायिक नुकसान या पूंजीगत नुकसान) को आगे के वर्षों में समायोजित नहीं कर सकते। इसका मतलब यह हुआ कि आप पिछले नुकसान से कर बचत करने का अवसर खो देते हैं। आयकर विभाग के अनुसार, आप अपनी ITR 31 दिसंबर 2025 तक देर से दाखिल कर सकते हैं। इसके बाद उस आकलन वर्ष (Assessment Year) के लिए रिटर्न दाखिल करना संभव नहीं होगा। इसलिए देर से दाखिल करना संभव है, लेकिन अत्यधिक देरी से बचना ही बेहतर होगा।