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केदारनाथ हेलिपैड पर मौसम अपडेट न मिलने से बढ़ी यात्रियों की मुश्किलें, पढ़िए पूरी रिपोर्ट

चार धाम यात्रा के दौरान हुए हेलीकॉप्टर हादसे ने तीर्थयात्रियों की परेशानियां बढ़ा दी हैं। हादसे की जांच के आदेश के बाद भारतीय विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (AAIB) ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट में चार धाम हेलीकॉप्टर सर्किट में सुरक्षा मानकों को सख्त करने की सिफारिश की गई है। साथ ही अधिकारियों से मौसम की जानकारी हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों तक समय पर पहुंचाने के लिए SOP (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) बनाने को कहा गया है।

पावर कट ने बढ़ाई दुर्घटना की आशंका

17 मई को केदारनाथ में पिनेकल एयर के हेलीकॉप्टर की हार्ड लैंडिंग के दौरान पायलट को मौसम की जानकारी नहीं मिल पाई। जांच में पाया गया कि पावर कट की वजह से कंप्यूटर चालू नहीं था, जिससे मौसम की जानकारी करीब चार घंटे तक साझा नहीं की जा सकी। सुबह 8:54 बजे से दोपहर 12:53 बजे तक यह समस्या बनी रही। पावर कट के कारण मौसम की स्थिति का डेटा यात्रियों और पायलटों तक पहुंचाने वाला सिस्टम ठप हो गया था।

मौसम अपडेट के लिए स्वचालित मशीन पर निर्भरता

केदारनाथ हेलिपैड पर एक स्वचालित मौसम मशीन लगी हुई है, जो लाइव मौसम अपडेट प्रदान करती है। यह मशीन कंप्यूटर से जुड़ी होती है, और उसकी स्क्रीन की फोटो UCADA (उत्तराखंड एविएशन अथॉरिटी) के व्हाट्सएप ग्रुप में भेजी जाती है, ताकि पायलटों को मौसम की स्थिति की जानकारी मिल सके। लेकिन पावर कट के कारण यह मशीन पूरी तरह बंद हो गई और मौसम डेटा प्रसारित नहीं हो पाया।

पायलटों का मौसम का पता लगाने का तरीका और नियमों की कमी

पायलट मौसम की स्थिति जानने के लिए घाटी की दृश्यता CCTV कैमरों से देखते हैं, लेकिन इस प्रक्रिया के लिए कोई लिखित नियम या SOPs नहीं बने हैं। यह अस्थिर व्यवस्था सुरक्षा के लिहाज से चिंता का विषय है। AAIB की रिपोर्ट में पायलटों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए मौसम जानकारी साझा करने के लिए सख्त नियम बनाने पर जोर दिया गया है।

सुरक्षा उपायों को लेकर सुझाव और भविष्य की दिशा

जांच रिपोर्ट के अनुसार चार धाम हेलीकॉप्टर यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए त्वरित और ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसमें पावर बैकअप सिस्टम की व्यवस्था, मौसम की सटीक जानकारी का संचार, और हेलीकॉप्टर ऑपरेटरों के बीच बेहतर तालमेल शामिल हैं। इसके साथ ही मौसम संबंधी सूचनाओं के लिए मानकीकृत SOPs बनाए जाने चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

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