भारत ने फिर दिखाया दम, सफल प्रथ्वी-2 और अग्नि-1 परीक्षण से दहले दुश्मन

भारत ने गुरुवार को अपनी दो स्वदेशी विकसित की गई शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइलों प्रिथ्वी-2 और अग्नि-1 का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षा मंत्रालय ने दोनों मिसाइलों के सफल परीक्षण की पुष्टि की और कहा कि दोनों ने अपने सभी मिशन उद्देश्यों को पूरा किया है। यह परीक्षण 17 जुलाई 2025 को ओडिशा के चांदीपुर में स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से किया गया। रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित इन मिसाइलों के सभी तकनीकी और परिचालनात्मक मानकों की जांच भी की गई।
प्रिथ्वी-2 मिसाइल की विशेषताएं
प्रिथ्वी-2 एक परमाणु सक्षम, सतह से सतह तक मार करने वाली शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है। इसकी मारक क्षमता लगभग 350 किलोमीटर तक है। यह मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी तकनीक से DRDO द्वारा विकसित की गई है और अपने लक्ष्य को उच्च सटीकता के साथ भेदने में सक्षम है। प्रिथ्वी-2 मिसाइल का यह परीक्षण चांदीपुर के इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के लॉन्च पैड नंबर-3 से किया गया। यह मिसाइल भारतीय सुरक्षा तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो सीमित दूरी के लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से निशाना बनाने में सक्षम है।
Short-Range Ballistic Missiles, Prithvi-II and Agni-I, were successfully test-fired from the Integrated Test Range in Chandipur, Odisha on July 17, 2025. The launches validated all operational and technical parameters. These tests were conducted under the aegis of the Strategic… pic.twitter.com/WIzsbO6J1i
— ANI (@ANI) July 17, 2025
अग्नि-1 मिसाइल के बारे में जानिए
अग्नि-1 भी एक शॉर्ट-रेंज बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे DRDO द्वारा विकसित किया गया है। यह एक सिंगल स्टेज मिसाइल है, जो विशेष रूप से छोटे से मध्यम दूरी के लक्ष्यों को भेदने के लिए डिजाइन की गई है। अग्नि-1 का परीक्षण अभ्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक किया गया, जिसमें इसने सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों को पूरा किया। अग्नि श्रृंखला की यह पहली मिसाइल भारतीय मिसाइल प्रौद्योगिकी में मील का पत्थर मानी जाती है, जिसने देश की रक्षा क्षमता को मजबूती प्रदान की है।
रणनीतिक बल कमांड के तहत संचालित परीक्षण
प्रिथ्वी-2 और अग्नि-1 मिसाइलों के परीक्षण भारत के रणनीतिक बल कमांड (Strategic Forces Command – SFC) के अधीन आयोजित किए गए। इन परीक्षणों का उद्देश्य मिसाइलों की विश्वसनीयता, क्षमता और तकनीकी दक्षता का परीक्षण करना था। सफल परीक्षण ने भारतीय रक्षा बलों को अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए अत्याधुनिक हथियार प्रणाली प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इन मिसाइलों के सफल परीक्षण से भारत की सुरक्षा व्यवस्था और मजबूत हुई है, जो देश की रक्षा क्षमताओं को नई ऊंचाइयों पर ले जाने में सहायक होगी।