पावर सेक्टर में गिरावट के बावजूद भारत का औद्योगिक उत्पादन नवंबर में मजबूत प्रदर्शन करता दिखा

भारतीय औद्योगिक क्षेत्र के लिए यह एक राहत भरी खबर है। उच्च अमेरिकी टैरिफ के बावजूद भारतीय उद्योग ने पिछले दो वर्षों में नवंबर में शानदार प्रदर्शन किया। औद्योगिक उत्पादन में नवंबर 2025 में 6.7 प्रतिशत की मजबूत बढ़त दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह दर केवल 5 प्रतिशत थी। इस वृद्धि ने वैश्विक स्तर पर अमेरिकी, चीनी और पाकिस्तानी बाजारों में भी हलचल मचा दी है। अक्टूबर के त्योहारी सीजन में गिरावट के बाद अब औद्योगिक उत्पादन में फिर से ताकत दिख रही है, जो उत्पादन गतिविधियों में सुधार और मांग में स्थिरता को दर्शाता है।
खदान और विनिर्माण क्षेत्रों ने दी मजबूत बढ़त
नवंबर 2025 में खदान और विनिर्माण क्षेत्रों के मजबूत प्रदर्शन ने औद्योगिक उत्पादन को दो साल के उच्चतम स्तर पर पहुँचाया। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) में पिछले वर्ष नवंबर 2024 की तुलना में पांच प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई थी। उल्लेखनीय है कि इससे पहले नवंबर 2023 में औद्योगिक उत्पादन की दर 11.9 प्रतिशत तक पहुँच चुकी थी। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) ने अक्टूबर 2025 के लिए IIP आंकड़ों को भी संशोधित किया, और पहले 0.4 प्रतिशत अनुमानित वृद्धि को बढ़ाकर 0.5 प्रतिशत कर दिया।
विनिर्माण और खदान क्षेत्रों का शानदार प्रदर्शन
नवंबर 2025 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 8 प्रतिशत बढ़ा, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 5.5 प्रतिशत बढ़ा था। खदान क्षेत्र में भी सुधार दिखाई दिया, जिसका उत्पादन 5.4 प्रतिशत बढ़ा, जबकि नवंबर 2024 में यह केवल 1.9 प्रतिशत था। यह संकेत है कि भारत का औद्योगिक ढांचा अब पुनः गतिशील हो रहा है और प्रमुख क्षेत्रों में मांग और उत्पादन में मजबूती दिख रही है। इन आंकड़ों से उद्योग जगत में सकारात्मक उम्मीदों को भी बल मिला है कि आने वाले महीनों में औद्योगिक गतिविधियाँ और अधिक मजबूती के साथ बढ़ेंगी।
विद्युत उत्पादन क्षेत्र में कमजोरी
हालांकि, ऊर्जा क्षेत्र में कमजोर प्रदर्शन देखने को मिला। नवंबर 2025 में विद्युत उत्पादन में 1.5 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 4.4 प्रतिशत बढ़ा था। कुल मिलाकर, नवंबर 2025 के IIP आंकड़े यह दर्शाते हैं कि खदान और विनिर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों ने फिर से गति पकड़ ली है। इस सुधार से भारत की आर्थिक स्थिरता और उत्पादन क्षमता को मजबूती मिलेगी, जो आने वाले महीनों में निवेशकों और औद्योगिक इकाइयों के लिए उत्साहजनक संकेत है।
