भीगी सड़कों के बीच सस्ती छूट! ये वक्त क्यों है घर खरीदने का सबसे बेहतर मौका

गर्मी और सर्दी में हर प्रोजेक्ट चमचमाता हुआ दिखाई देता है लेकिन असली परीक्षा मानसून में होती है। जब बारिश होती है तो दीवारों में सीलन की समस्या, छत से पानी का रिसाव या बालकनी में पानी भरने जैसे मुद्दे सामने आते हैं। ऐसे में खरीदार घर की बनावट की गुणवत्ता और मजबूती को करीब से परख सकता है। रियल एस्टेट विशेषज्ञ राकेश यादव का मानना है कि बारिश के मौसम में फ्लैट की कंस्ट्रक्शन क्वालिटी को जमीनी स्तर पर समझना आसान होता है जो बाद में पछताने से बचा सकता है।
मानसून में कनेक्टिविटी और लोकेशन की असली परख
घर खरीदते समय केवल घर की सुंदरता ही नहीं बल्कि उसकी लोकेशन भी बहुत मायने रखती है। बारिश के मौसम में आप यह जान सकते हैं कि उस क्षेत्र की सड़कें जलभराव से प्रभावित होती हैं या नहीं। आसपास की ट्रैफिक स्थिति कैसी है और इलाके में जलापूर्ति का क्या हाल है। यदि रास्ते बारिश के बाद कीचड़ या पानी से भर जाते हैं तो आपको यह सोचने का मौका मिल जाता है कि क्या यह लोकेशन आपके लिए उपयुक्त है या नहीं। यह समय लोकेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर को परखने के लिए सबसे सटीक होता है।
कम भीड़ में बेहतर डील पाने का मौका
मानसून के दौरान घर खरीदने वालों की संख्या अन्य मौसमों के मुकाबले कम होती है। ज्यादातर लोग बारिश के मौसम में घर देखने से कतराते हैं। ऐसे में डेवेलपर्स ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए विशेष छूट, फ्री मॉड्यूलर किचन, जीएसटी छूट या नो ईएमआई जैसे ऑफर्स देते हैं। इसका सीधा फायदा आप ले सकते हैं क्योंकि जब बाजार में कम डिमांड होती है तो खरीदार की बातचीत की ताकत बढ़ जाती है और वो बेहतर डील हासिल कर सकता है।
बैंकिंग ऑफर्स से अतिरिक्त बचत
मानसून के मौसम में बैंकिंग सेक्टर भी नए होम लोन ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए कम ब्याज दरें, प्रोसेसिंग फीस में छूट और फास्ट अप्रूवल जैसे ऑफर्स लेकर आता है। कई बैंक और एनबीएफसी कंपनियां इस समय स्पेशल स्कीम्स लाती हैं। अगर आप मानसून में घर खरीदते हैं तो आप केवल प्रॉपर्टी की कीमत पर ही नहीं बल्कि लोन की लागत पर भी बचत कर सकते हैं। यह दोहरा फायदा किसी भी होम बायर के लिए एक सुनहरा अवसर बन जाता है।
प्रॉपर्टी सेक्टर में सच्चाई देखने का मौसम
मानसून एक ऐसा मौसम होता है जो सिर्फ मौसम नहीं बल्कि रियल एस्टेट की सच्चाई दिखाने का जरिया बन जाता है। घर की असली हालत, इलाके की मूलभूत सुविधाएं और डेवलपर की पारदर्शिता इस समय बेहतर ढंग से नजर आती हैं। अगर आप इस समय थोड़ी मेहनत करके प्रोजेक्ट्स का निरीक्षण करते हैं तो बाद में किसी भी धोखे या तकनीकी खराबी से बच सकते हैं।