Bengaluru Stampede: मंच पर मंत्री का बेटा, नीचे कुचली जा रही थी भीड़! स्टेडियम के बाहर दौड़ रही थी मौत और अंदर खास मेहमानों की हो रही थी खातिरदारी

Bengaluru Stampede: बेंगलुरु में हुई भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई जबकि 33 लोग घायल हुए हैं। ये हादसा किसी राजनीतिक रैली या धार्मिक आयोजन में नहीं बल्कि आईपीएल टीम रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर (RCB) की जीत का जश्न मनाते हुए हुआ। RCB ने 18 साल के लंबे इंतजार के बाद आईपीएल का खिताब जीता था। खुशी में लोगों ने स्टेडियम के बाहर घंटों इंतजार किया लेकिन इसी दौरान भगदड़ मच गई।
RCB की प्रतिक्रिया और सरकार की जवाबदेही
RCB टीम ने इस दुखद घटना पर शोक व्यक्त किया और कहा कि उन्हें मीडिया रिपोर्ट्स से इस हादसे की जानकारी मिली। उन्होंने तुरंत अपना कार्यक्रम बदला और मृतकों के परिवारों को संवेदना दी। वहीं कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्दरमैया ने क्रिकेट एसोसिएशन को इस भगदड़ का जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने बताया कि स्टेडियम के छोटे दरवाजे थे जिन्हें लोग तोड़कर अंदर घुसे जिससे भगदड़ हुई। मुख्यमंत्री ने इसे अप्रत्याशित घटना बताया और कहा कि 35 हजार की क्षमता वाले स्टेडियम के बाहर 3 से 4 लाख लोग जमा हो गए थे।
महाकुंभ भगदड़ से तुलना और मुआवजे की घोषणा
सिद्दरमैया ने विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए महाकुंभ मेले में हुई भगदड़ का उदाहरण दिया और कहा कि ऐसे हादसों पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने मृतकों के परिवारों को 10 लाख रुपये मुआवजा देने और घायलों का मुफ्त इलाज करने की घोषणा की। यह कदम राहत देने वाला तो है लेकिन सवाल ये उठता है कि इतनी बड़ी भीड़ पर नियंत्रण क्यों नहीं रखा गया।
प्रधानमंत्री मोदी का शोक संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हादसे पर गहरा दुख जताया। उन्होंने X (पूर्व ट्विटर) पर लिखा कि बेंगलुरु की घटना बहुत ही दर्दनाक है। उन्होंने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की और घायल हुए लोगों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना की। पीएम ने कहा कि ऐसे हादसों से सबक लेकर भविष्य में बेहतर इंतजाम करने होंगे।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप और सवाल
इस घटना के बाद राजनीति भी तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने सरकार की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। वहीं मुख्यमंत्री ने खुद को बेदखल करने की कोशिश में क्रिकेट एसोसिएशन को दोषी ठहराया। सवाल ये है कि क्या सरकार ने आईपीएल की जीत के जश्न में जनता की सुरक्षा को नजरअंदाज कर दिया? और क्या भविष्य में ऐसे हादसे रोकने के लिए कदम उठाए जाएंगे? इन सवालों का जवाब आगामी जांच में मिलेगा।