असम CM ने गौरव गोगोई के पाकिस्तान कनेक्शन मामले में दिया बड़ा अपडेट, साझा की अगले कदम की जानकारी

असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और उनकी पत्नी के पाकिस्तान से कथित संबंधों की जांच अब केंद्र सरकार की एजेंसी को सौंप दी जाएगी। राज्य सरकार ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष जांच टीम (SIT) गठित की थी, जिसने 10 सितंबर को अपनी रिपोर्ट सौंप दी। मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि जैसे-जैसे जुबिन गार्ग की मौत से जुड़े मामले में चार्जशीट दाखिल हो गई है, उसी क्रम में गोगोई मामले को आगे बढ़ाया जाएगा।
जुबिन गार्ग मामले के बाद गोरव गोगोई का केस आगे बढ़ेगा
हिमंता बिस्वा सरमा ने बताया कि जुबिन गार्ग केस की नियमित सुनवाई के बाद वे इस महीने के अंत या अगले महीने तक कुछ दस्तावेज साझा करेंगे। हालांकि उन्होंने स्पष्ट किया कि गोगोई मामले की जांच के लिए इसे केंद्र सरकार की एजेंसी को भेजा जाएगा ताकि जांच को और अधिक व्यापक और प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने कहा, “ऐसे जटिल मामले में केवल असम की SIT के लिए सभी पहलुओं की जांच करना संभव नहीं है।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि SIT ने जो उपलब्धियां हासिल की हैं, वे आरोपियों के खिलाफ निष्कर्ष निकालने के लिए पर्याप्त हैं।

गोरव गोगोई और उनकी पत्नी पर गंभीर आरोप
हिमंता बिस्वा सरमा ने लंबे समय से कांग्रेस सांसद और असम कांग्रेस अध्यक्ष गोरव गोगोई और उनकी ब्रिटिश पत्नी एलिजाबेथ कोलबर्न पर पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के साथ कथित संबंधों के गंभीर आरोप लगाए हैं। ये आरोप राजनीतिक विवाद का केंद्र बने हुए हैं और जनवरी 2025 से लगातार चर्चा में हैं। सरमा ने बार-बार इस बात पर जोर दिया है कि इस मामले की जांच जरूरी है क्योंकि इससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
आरोपों को खारिज करते रहे गोरव गोगोई
गौरतलब है कि गौरव गोगोई ने हिमंता बिस्वा सरमा के आरोपों को पहले ही पूरी तरह से खारिज कर दिया था। उन्होंने इसे “C ग्रेड बॉलीवुड फिल्म” जैसा बताया था जो निश्चित रूप से फेल होने वाली है। गोगोई ने आरोपों को राजनीति से प्रेरित करार दिया था और इनका कोई ठोस आधार नहीं बताया। हालांकि, अभी तक गोगोई की ओर से केंद्रीय एजेंसियों को जांच सौंपे जाने पर कोई ताजा प्रतिक्रिया नहीं आई है।
केंद्र सरकार को सौंपे जाने से जांच में होगी तेजी
केंद्र सरकार को इस मामले की जांच सौंपने का निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे जांच की निष्पक्षता और गहराई बढ़ेगी। हिमंता बिस्वा सरमा का मानना है कि इस मामले में कई जटिलताएं हैं, जिनका अकेले असम SIT द्वारा समाधान करना मुश्किल है। केंद्र एजेंसियों के पास संसाधनों और व्यापक अधिकारों के चलते वे सभी पहलुओं की पूरी जांच कर पाएंगी। अब जनता को इस बात का इंतजार है कि जांच की अगली कड़ी में क्या तथ्य सामने आते हैं और इसका राजनीतिक प्रभाव क्या होगा।
