देश

चीन की जनसंख्या को लेकर बड़ा फैसला — कंडोम पर टैक्स ने बढ़ाई अनजानी जोखिमों की आशंका

 China : चीन, जो दुनिया का दूसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है, तीस वर्षों के बाद पहली बार गर्भनिरोधक दवाओं और उत्पादों पर वैट (मूल्य वर्धित कर) लगाना शुरू करने जा रहा है। इसमें कंडोम पर भी 13 प्रतिशत की टैक्स दर लागू होगी। इस कदम का मकसद देश की घटती आबादी को बढ़ावा देना है।

परिवार नियोजन से बदलती नीतियां 

चीन ने पिछले दशकों में एक बच्चे की नीति लागू की थी ताकि जनसंख्या को नियंत्रित किया जा सके। लेकिन अब भारत से जनसंख्या में पीछे रहने के बाद चीन ने अपनी नीति में बदलाव कर तीन बच्चों तक की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही अब मुफ्त मिलने वाले कंडोम और अन्य गर्भनिरोधक उत्पादों पर टैक्स लगाकर उनकी उपयोगिता कम करने की कोशिश कर रहा है।

महिलाओं की प्रतिक्रिया और संभावित खतरे 

चीन में गर्भनिरोधक उत्पादों की बढ़ती कीमतों से विशेषज्ञों को चिंता है कि यह अवांछित गर्भधारण और यौन संचारित रोगों (STDs) में वृद्धि कर सकता है। कई महिलाएं इसे अपने शरीर और प्रजनन अधिकारों पर नियंत्रण की एक चाल मान रही हैं।

चीन की जनसंख्या को लेकर बड़ा फैसला — कंडोम पर टैक्स ने बढ़ाई अनजानी जोखिमों की आशंका

कमजोर होती जन्म दर और जनसंख्या संकट 

2024 में चीन में केवल 9.5 मिलियन बच्चे पैदा हुए, जो 2019 के मुकाबले लगभग एक तिहाई कम है। भारत 2023 में दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बन गया। विशेषज्ञों का कहना है कि टैक्स लगाने से जन्म दर में कोई खास बढ़ोतरी नहीं होगी क्योंकि बच्चे पालने की लागत बहुत ज्यादा है।

चीन में गर्भनिरोधक उपयोग और स्वास्थ्य चुनौती 

गेट्स फाउंडेशन के 2022 के एक अध्ययन के अनुसार, चीन में केवल 9% जोड़े कंडोम का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, कई महिलाएं आईयूडी या नसबंदी का सहारा लेती हैं। चीन में गर्भपात की संख्या दुनिया में सबसे ज्यादा है, प्रति वर्ष 9-10 मिलियन से अधिक गर्भपात होते हैं। साथ ही, यौन संचारित रोगों के मामले बढ़ रहे हैं, जिनमें गोनोरिया, सिफलिस और एचआईवी/एड्स शामिल हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button