विएना से दिल्ली तक का वीडियो वायरल, साफ आसमान से जहरीली धुंध तक का डरावना सफर

सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसने दिल्ली की खराब होती हवा को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। यह वीडियो इंस्टाग्राम यूजर लक्षय अरोड़ा ने साझा किया है जिन्होंने वियना से दिल्ली की यात्रा के दौरान विमान की खिड़की से दोनों शहरों के आसमान का दृश्य रिकॉर्ड किया। वीडियो में जहां वियना का साफ नीला आसमान दिखता है वहीं दिल्ली का दृश्य धुंध और धुएं से घिरा हुआ नजर आता है।
फोन के कैमरे में कैद हुआ “8K बनाम 90s कैमरा क्वालिटी” का अंतर
लक्षय अरोड़ा ने वीडियो के साथ एक व्यंग्यात्मक कैप्शन लिखा, “वियना से दिल्ली की यात्रा ऐसा लगा जैसे 8K रेजोल्यूशन से अचानक 90s के ब्लरी कैमरे पर पहुंच गए हों, धन्यवाद प्रदूषण।” वीडियो की शुरुआत में वियना का मनमोहक नजारा दिखाई देता है। साफ आसमान, नदी और दूर पहाड़ों की झलक देखने लायक है। लेकिन जैसे ही विमान दिल्ली के आसमान में प्रवेश करता है, दृश्य पूरी तरह धुंधला हो जाता है। न जमीन दिखती है न आसमान। सिर्फ धुंध की मोटी परत नजर आती है। यह दृश्य दिल्ली के प्रदूषण की भयावह स्थिति को बयां करता है।
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लोगों की चिंता और गुस्सा सोशल मीडिया पर झलका
वीडियो वायरल होते ही लोगों ने चिंता और गुस्सा जाहिर किया। एक यूजर ने लिखा, “यह बहुत डरावना है। लोग इसे गंभीरता से क्यों नहीं ले रहे।” एक अन्य ने कहा, “यह सामान्य स्मॉग नहीं है, यह किसी विस्फोट जैसा लग रहा है।” कई लोगों ने टिप्पणी की कि यह हालत किसी एक दिन की नहीं बल्कि पूरे सिस्टम की लापरवाही का नतीजा है। कुछ लोगों ने लिखा कि दिल्ली अब रहने योग्य नहीं रह गई है और कई परिवार बेहतर हवा के लिए दुबई जैसे शहरों की ओर पलायन कर रहे हैं।
सर्दियों में बढ़ जाता है दिल्ली का दमघोंटू धुंआ
हर साल सर्दियों के मौसम में दिल्ली की हवा जहरीली हो जाती है। इसके कई कारण हैं जिनमें पराली जलाना, वाहनों से निकलने वाला धुआं, फैक्ट्रियों से निकलने वाले प्रदूषक और धीमी हवाएं शामिल हैं। धीमी हवाओं के कारण प्रदूषक जमीन के पास फंस जाते हैं जिससे हवा की गुणवत्ता और भी खराब हो जाती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स लगातार कई दिनों से ‘बहुत खराब’ श्रेणी में बना हुआ है।
प्रदूषण पर सख्त कदम उठाने की जरूरत
यह वीडियो सिर्फ एक तुलना नहीं बल्कि एक चेतावनी है। यह दिखाता है कि अगर दिल्ली ने अभी से कड़े कदम नहीं उठाए तो स्थिति और भयावह हो जाएगी। विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को पराली जलाने पर रोक, वाहन उत्सर्जन नियंत्रण और हरित क्षेत्रों को बढ़ाने जैसे ठोस कदम उठाने होंगे। नागरिकों को भी अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी ताकि भविष्य में आने वाली पीढ़ियां सांस लेने लायक हवा पा सकें। वियना और दिल्ली के आसमान के इस फर्क ने एक सच्चाई साफ कर दी है — विकास जरूरी है लेकिन सांस लेना उससे भी ज्यादा जरूरी है।
