टेक्नॉलॉजी

AI ब्राउजर इस्तेमाल करना है खतरनाक? सिक्योरिटी रिसर्चर का खुलासा, आपके बैंक अकाउंट और पर्सनल डेटा को हो सकता है नुकसान

हाल ही में OpenAI, Perplexity और अन्य कंपनियों ने AI ब्राउजर्स लॉन्च किए हैं। ये ब्राउजर्स पारंपरिक ब्राउजर जैसे गूगल क्रोम, मोजिला फायरफॉक्स आदि से कई मायनों में अलग हैं और कई स्मार्ट फीचर्स पेश करते हैं। उदाहरण के लिए, ये AI-सहायता प्राप्त सर्च, चैट और डेटा एनालिसिस जैसी सुविधाएं देते हैं, जिससे यूजर का अनुभव काफी बेहतर होता है। हालांकि, यह सुविधा अपने साथ जोखिम भी लेकर आती है। सुरक्षा विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इन ब्राउजर्स में कुछ खामियां मौजूद हैं, जो अटैकर्स को आपके बैंक अकाउंट और व्यक्तिगत जानकारी तक पहुँचने का मौका दे सकती हैं। ऐसे में इन ब्राउजर्स का इस्तेमाल करते समय सावधानी बेहद जरूरी हो जाती है।

सिक्योरिटी रिसर्च की चेतावनी

सिक्योरिटी रिसर्चर्स ने विशेष रूप से Perplexity Comet और अन्य AI ब्राउजर्स में पाए गए खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया है। इन ब्राउजर्स में इनडायरेक्ट प्रॉम्प्ट इंजेक्शन जैसी खामियां मिल सकती हैं। यह एक तरह का साइबर अटैक है, जिसमें किसी हानिकारक इनपुट को AI सिस्टम को सही लगने वाले फॉर्म में भेजा जाता है। यदि AI ब्राउजर के पास यूजर के जरूरी डॉक्यूमेंट्स, लॉगिन डिटेल्स या अकाउंट्स तक एक्सेस हो, तो इस खामी के कारण पर्सनल जानकारी लीक हो सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, ऐसे अटैक का शिकार होने पर यूजर को भारी आर्थिक और व्यक्तिगत नुकसान झेलना पड़ सकता है।

इनडायरेक्ट प्रॉम्प्ट इंजेक्शन कैसे होता है

इनडायरेक्ट प्रॉम्प्ट इंजेक्शन में किसी हिडन कमांड या मैलिशियस कोड के जरिए AI को गलत निर्देश या प्रॉम्प्ट दिए जाते हैं। इससे AI सिस्टम अनजाने में यूजर की संवेदनशील जानकारी जैसे बैंक डिटेल्स, पासवर्ड और अन्य व्यक्तिगत डेटा को गलत हाथों में पहुँचाने का काम कर सकता है। साइबर हमलों में हाल के वर्षों में तेजी से वृद्धि हुई है और हैकर्स लगातार ऐसे माध्यम खोज रहे हैं, जिससे वे यूजर को फंसाकर जानकारी चुरा सकें। यह खतरा उन परिस्थितियों में और भी गंभीर हो जाता है, जब AI ब्राउजर के पास सिस्टम एक्सेस या महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट्स हों।

विशेषज्ञों की सलाह और सावधानी

सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि AI ब्राउजर्स अभी पूरी तरह सुरक्षित नहीं हैं। डेटा लीक और साइबर अटैक का खतरा अभी भी बरकरार है। इसलिए, यदि कोई यूजर इन ब्राउजर्स का इस्तेमाल करना चाहता है, तो उसे पर्याप्त सावधानी बरतनी होगी। एक्सपर्ट्स ने सुझाव दिया है कि यूजर संवेदनशील जानकारी जैसे बैंक अकाउंट, पासवर्ड या व्यक्तिगत डॉक्यूमेंट्स को AI ब्राउजर में शेयर न करें। इसके अलावा, हमेशा अपडेटेड सिक्योरिटी पैच और एंटीवायरस प्रोग्राम का इस्तेमाल करना चाहिए। फिलहाल, पारंपरिक ब्राउजर्स की तुलना में AI ब्राउजर्स पर पूरी तरह निर्भर होना सुरक्षित नहीं माना जाता।

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