राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस ने रामलीला मैदान में चुनावी प्रक्रिया में कथित हेरफेर को लेकर जताई गंभीर चिंता

बिहार में कांग्रेस के ‘वोट चोरी’ अभियान को अपेक्षित सफलता नहीं मिल पाई, लेकिन पार्टी ने इसे रविवार को फिर से तेज कर दिया है। इस सिलसिले में दिल्ली के प्रसिद्ध रामलीला मैदान में ‘वोट थीफ, लीव द थ्रोन’ के नारे के साथ एक बड़ा रैली का आयोजन किया गया है। इस रैली में देशभर से कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए हैं। इसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा समेत कई अन्य नेता मौजूद रहे।
रैली का महत्व और घोषणा
यह रैली राजधानी दिल्ली में कांग्रेस द्वारा ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर पहला बड़ा आयोजन है। रविवार की इस रैली की घोषणा 18 नवंबर को की गई थी। यह घोषणा पार्टी के उच्च नेतृत्व और 12 राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों के नेताओं की बैठक के बाद हुई, जहां चुनावी मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) का काम चल रहा है। बैठक के बाद कांग्रेस के महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपाल ने कहा कि पार्टी लोकतंत्र को कमजोर करने वाली चुनाव आयोग की साजिश को सार्वजनिक रूप से बेनकाब करेगी।
'वोट चोर – गद्दी छोड़' ✊ pic.twitter.com/rjuVM324cX
— Congress (@INCIndia) December 14, 2025
‘वोट चोरी, सिंहासन छोड़ो’ का नारा
यह नारा राहुल गांधी के बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान किए गए मतदाता अधिकार मार्च से काफी लोकप्रिय हुआ था। अब कांग्रेस पार्टी इसी नारे के साथ देशव्यापी अभियान शुरू कर रही है। पार्टी का मकसद लोकतंत्र को बचाना और आम जनता में जागरूकता फैलाना है। इस रैली की घोषणा के बाद से दिल्ली के आसपास के राज्यों में कांग्रेस नेतृत्व ने बड़ी संख्या में समर्थकों को रैली में शामिल कराने की तैयारी शुरू कर दी है।
रैली की तैयारियां और प्रयास
दिल्ली के अकबर रोड स्थित पार्टी कार्यालय में एक कंट्रोल रूम भी बनाया गया है, जो इस रैली की सफल आयोजन सुनिश्चित करने में जुटा है। उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, पंजाब समेत अन्य राज्यों के कांग्रेस नेता अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं ताकि इस रैली में भारी भीड़ जुट सके। पार्टी नेतृत्व चाहता है कि इस रैली के जरिए ‘वोट चोरी’ का मुद्दा व्यापक जन आंदोलित आंदोलन में तब्दील हो।
राहुल गांधी की उम्मीदें
पार्टी के कुछ नेताओं का मानना है कि ‘वोट चोरी’ का मुद्दा राहुल गांधी के दिल के बहुत करीब है। उन्होंने इस मुद्दे को लेकर अब तक तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस की हैं और चुनाव आयोग व बीजेपी पर साक्ष्य के साथ आरोप लगाए हैं। राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद यह आरोप लगाए कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव के बीच महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या में असामान्य वृद्धि हुई। खासकर उन 85 निर्वाचन क्षेत्रों में जहां लोकसभा चुनाव में बीजेपी कमजोर पड़ी थी, वहां नए मतदाता जोड़ने का आरोप लगाया गया। राहुल गांधी को उम्मीद है कि यह मुद्दा देशभर में व्यापक जनसहभागिता वाले आंदोलन का रूप लेगा और लोकतंत्र की रक्षा में अहम भूमिका निभाएगा।
