ट्रंप का ‘टैको प्लान’ या युद्ध की तैयारी? दो हफ्ते की डेडलाइन ने बढ़ा दी दुनिया की धड़कनें!

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को दो हफ्ते की चेतावनी देकर पूरी दुनिया में कूटनीतिक भूचाल ला दिया है। ईरान और इजरायल के बीच चल रहे तनाव के बीच ट्रंप ने कहा है कि अगर ईरान ने दो हफ्ते में हालात नहीं सुधारे तो अमेरिका हवाई हमला करने पर विचार कर सकता है। ट्रंप के इस बयान ने दुनियाभर के नेताओं और जानकारों को चौंका दिया है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह वाकई कोई कूटनीतिक मौका है या ट्रंप की कोई रणनीतिक चाल है जिससे ईरान भ्रमित हो जाए।
‘टैको प्लान’ की गूढ़ रणनीति
ट्रंप के इस दो हफ्तों वाले बयान को कुछ लोग ‘Trick or Taco’ रणनीति से जोड़कर देख रहे हैं। यहां टैको शब्द को ट्रंप की उलझी और अप्रत्याशित कूटनीति का प्रतीक माना जा रहा है। जानकारों का मानना है कि यह डेडलाइन सिर्फ ईरान पर दबाव बनाने के लिए है ताकि वह अपने परमाणु कार्यक्रम पर ब्रेक लगाए। लेकिन दूसरी तरफ यह भी संभव है कि ट्रंप इस दौरान सैन्य तैयारी मजबूत कर रहे हों और क्षेत्र में दूसरा एयरक्राफ्ट कैरियर तैनात करने की योजना बना रहे हों।
कूटनीति से सैन्य विकल्प की ओर झुकाव
ट्रंप ने शुरुआत में तो कहा था कि वे बातचीत को प्राथमिकता देंगे लेकिन इजरायल के हमलों के बाद उनका रुख काफी सख्त हो गया है। ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने साफ कहा है कि जब तक इजरायल हमले नहीं रोकता तब तक बातचीत संभव नहीं है। इस मुद्दे पर अब अरब लीग और इस्लामिक कोऑपरेशन जैसे मंचों पर भी चर्चा तेज हो गई है। इससे साफ है कि अब यह सिर्फ ईरान-अमेरिका या इजरायल का मामला नहीं रहा बल्कि अंतरराष्ट्रीय चिंता का विषय बन गया है।
ट्रंप की दो टूक बातों का मतलब
ट्रंप ने यह भी कहा कि इजरायल को रोकना मुश्किल है क्योंकि वो जीत रहा है। उन्होंने यूरोपीय देशों की मध्यस्थता को खारिज कर दिया और कहा कि ईरान केवल अमेरिका से बात करना चाहता है। इस बयान से साफ है कि ट्रंप खुद को इस संघर्ष का मुख्य खिलाड़ी मानते हैं। ऐसे में यह डेडलाइन कूटनीति का आखिरी मौका हो सकती है या फिर युद्ध की तैयारी का एलान भी।
दुनिया की अर्थव्यवस्था पर गहरा असर
अगर अमेरिका सच में ईरान पर हमला करता है तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा। सबसे पहले तो कच्चे तेल की कीमतें आसमान छू सकती हैं क्योंकि ईरान एक बड़ा तेल उत्पादक देश है। इसके चलते भारत जैसे देशों की आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ेगा। साथ ही दुनिया भर के शेयर बाजार हिल सकते हैं और सोना-चांदी जैसी वस्तुओं की कीमतों में तेजी आएगी। मतलब यह कि ट्रंप की एक चेतावनी पूरी वैश्विक अर्थव्यवस्था को हिला सकती है।