ट्रंप के फैसले से हिल गई अमेरिका की राजनीतिक व्यवस्था, H-1B वीजा फीस बढ़ोतरी पर 19 राज्यों का विरोध

अमेरिका में H-1B वीज़ा फीस को लेकर राजनीतिक और कानूनी विवाद तेज़ हो गया है। पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा H-1B वीज़ा के लिए नई आवेदनों की फीस को 100,000 डॉलर तक बढ़ाने के फैसले ने बड़ी हलचल मचा दी है। इस फैसले के खिलाफ अब 19 अमेरिकी राज्यों ने मुकदमा दायर किया है, जिसका नेतृत्व कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बॉंटा कर रहे हैं। यह मुकदमा ट्रम्प प्रशासन के लिए नई चुनौती बन गया है।
फीस बढ़ोतरी पर तीखी आपत्ति
मुकदमे में कहा गया है कि H-1B वीज़ा कार्यक्रम अमेरिकी अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण क्षेत्रों जैसे तकनीक, स्वास्थ्य सेवा और शिक्षा के लिए बेहद जरूरी है। हजारों विदेशी पेशेवर इन क्षेत्रों में काम करते हैं और इसी वीज़ा पर निर्भर हैं। वर्तमान में फीस लगभग 960 डॉलर से 7,595 डॉलर के बीच है, लेकिन इसे 100,000 डॉलर तक बढ़ाना सार्वजनिक और निजी क्षेत्रों के लिए भारी आर्थिक बोझ साबित होगा। इससे महत्वपूर्ण सेवाओं में कर्मचारियों की कमी हो सकती है जो देश के लिए खतरनाक होगा।

कैलिफोर्निया की तरफ से तर्क
कैलिफोर्निया के अटॉर्नी जनरल रॉब बॉंटा ने कहा कि कैलिफोर्निया की अर्थव्यवस्था, जो विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, वैश्विक प्रतिभा के योगदान पर निर्भर है। H-1B वीज़ा की इतनी भारी फीस लगाना न केवल राज्य की आर्थिक हितों के खिलाफ है बल्कि वहां रहने वाले लोगों के हितों के भी विरुद्ध है। मुकदमे में यह भी बताया गया है कि यह फीस बढ़ोतरी 21 सितंबर 2019 के बाद नई आवेदनों पर लागू हुई है, लेकिन इसका प्रभाव आने वाले समय में और भी बड़ा होगा।
प्रशासन के फैसले को चुनौती
मुकदमा यह भी दलील देता है कि ट्रम्प प्रशासन ने इस फैसले को लागू करते समय ‘Administrative Procedure Act’ का उल्लंघन किया है। इसे बिना कांग्रेस की मंजूरी के लागू किया गया है, जो कि गैरकानूनी है। राज्यों का मानना है कि प्रशासन ने अपनी सीमा से बाहर जाकर यह फैसला लिया है और इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए। यह मुकदमा अमेरिका में प्रवास नीति और आर्थिक हितों के बीच संतुलन स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है।
किन राज्यों ने दिया साथ?
इस मुकदमे में कुल 19 राज्य शामिल हैं, जिनमें कैलिफोर्निया के अलावा न्यूयॉर्क, मैसाचुसेट्स, न्यू जर्सी, वॉशिंगटन, इलिनॉय, एरिजोना, कोलोराडो, कनेक्टिकट, हवाई, मैरीलैंड, मिशिगन, मिनेसोटा, नेवादा, नॉर्थ कैरोलिना, ओरेगन, रोड आइलैंड, वर्मोंट और विस्कॉन्सिन शामिल हैं। मैसाचुसेट्स की अटॉर्नी जनरल एंड्रिया जॉय कैंपबेल भी इस मामले की सह-अध्यक्षता कर रही हैं। ये राज्य इस बात पर एकजुट हैं कि H-1B वीज़ा प्रोग्राम को खत्म या महंगा बनाना अमेरिकी अर्थव्यवस्था और रोजगार पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा।
