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Trump Tariffs: भारत को अमेरिका से राहत! टैरिफ खतों में नाम नहीं, एक्सपोर्टर्स को बड़ी राहत

Trump Tariffs: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा बुधवार को जारी किए गए टैरिफ लेटर्स में भारत का नाम शामिल नहीं किया गया है। यह फैसला भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत है क्योंकि अमेरिका और भारत के बीच व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही है। इस फैसले से भारतीय निर्यातकों को राहत मिली है, खासकर ऐसे समय में जब वैश्विक बाजारों में अनिश्चितता बनी हुई है।

अभी लागू रहेगा 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ

हालांकि अमेरिका ने अप्रैल 2024 में भारत पर 26 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, लेकिन उसे पहले 90 दिनों के लिए टाल दिया गया और अब उसे 1 अगस्त तक के लिए और बढ़ा दिया गया है। लेकिन 10 प्रतिशत का बेसलाइन टैरिफ अभी भी लागू है। फिर भी, यह कदम भारत के लिए एक राहत की बात है क्योंकि यह उसे व्यापार संबंधों को बेहतर करने का अवसर देता है।

Trump Tariffs: भारत को अमेरिका से राहत! टैरिफ खतों में नाम नहीं, एक्सपोर्टर्स को बड़ी राहत

20 से अधिक देशों को मिले टैरिफ लेटर

अब तक अमेरिका ने लगभग 20 देशों को टैरिफ लेटर भेज दिए हैं जिनमें जापान, मलेशिया, बांग्लादेश, दक्षिण कोरिया, इंडोनेशिया, दक्षिण अफ्रीका जैसे देश शामिल हैं। इन देशों के उत्पादों पर 1 अगस्त से अतिरिक्त शुल्क लागू होगा। लेकिन भारत को इस सूची में शामिल न करना बताता है कि अमेरिका भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को बिगाड़ना नहीं चाहता और वार्ता को प्राथमिकता दे रहा है।

दवाओं पर 200% टैरिफ की धमकी से चिंता

हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने दवा आयात पर 200 प्रतिशत तक शुल्क बढ़ाने की धमकी दी थी। यह ऐसे समय में आया है जब अमेरिका इस सेक्टर की गहन जांच कर रहा है और भारत इसमें प्रमुख खिलाड़ी है। भारत की दवा निर्यात का लगभग 31 प्रतिशत हिस्सा अमेरिका को जाता है। ऐसे में कोई भी बड़ा शुल्क भारतीय फार्मा उद्योग पर प्रभाव डाल सकता है।

भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों की अहमियत

भारत और अमेरिका के बीच 2024-25 में दोतरफा व्यापार 131.84 अरब डॉलर तक पहुंच गया जिसमें भारत का निर्यात 86.51 अरब डॉलर और आयात 45.33 अरब डॉलर रहा। इससे भारत को 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष मिला है। यह आंकड़ा दर्शाता है कि अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है और दोनों देशों के लिए मजबूत व्यापार संबंध बनाए रखना बेहद जरूरी है।

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