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73वें जन्मदिन पर Putin और मोदी की बातचीत में क्या हुआ? जानिए दोनों नेताओं की अहम चर्चाओं की पूरी कहानी

मंगलवार को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन अपना 73वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस खास अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की और उन्हें जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएँ दीं। सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस बातचीत के दौरान दोनों नेताओं ने विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। यह वार्ता भारत और रूस के बीच लंबे समय से चले आ रहे विशेष और प्रिविलेज्ड रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत बनाने के उद्देश्य से की गई थी।

भारत-रूस साझेदारी को और मजबूती देने पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति पुतिन ने बातचीत के दौरान भारत-रूस संबंधों को और गहरा बनाने की प्रतिबद्धता दोहराई। मोदी ने अपने संदेश में यह भी व्यक्त किया कि वह रूस-भारत वार्षिक शिखर सम्मेलन के अवसर पर राष्ट्रपति पुतिन का भारत में स्वागत करने के लिए उत्सुक हैं। दोनों नेताओं ने व्यापार, रक्षा, ऊर्जा, अंतरिक्ष, और वैश्विक मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया। यह स्पष्ट संकेत है कि भारत और रूस दोनों देशों के बीच संबंध सिर्फ कूटनीतिक नहीं बल्कि रणनीतिक और बहुआयामी हैं।

73वें जन्मदिन पर Putin और मोदी की बातचीत में क्या हुआ? जानिए दोनों नेताओं की अहम चर्चाओं की पूरी कहानी

पुतिन की पीएम मोदी के प्रति प्रशंसा

हाल ही में रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने पीएम मोदी की भी प्रशंसा की है। उन्होंने प्रधानमंत्री को संतुलित, बुद्धिमान और राष्ट्रहितैषी नेता बताया। पुतिन ने कहा कि वह दिसंबर के शुरुआत में भारत आने और अपने मित्र व विश्वसनीय साझेदार पीएम मोदी से मिलने को लेकर उत्साहित हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी के साथ वार्ता में उन्हें हमेशा विश्वास और सहजता का अनुभव होता है। इस तरह के सकारात्मक और मित्रवत संदेश से दोनों देशों के बीच गहरी कूटनीतिक और व्यक्तिगत समझ की झलक मिलती है।

भविष्य की योजनाओं और सहयोग

भारत और रूस के बीच लंबी अवधि के सहयोग को ध्यान में रखते हुए, इस बातचीत में दोनों नेताओं ने भविष्य की योजनाओं और संयुक्त परियोजनाओं पर भी जोर दिया। चाहे वह ऊर्जा क्षेत्र हो, रक्षा उपकरणों का उत्पादन या अंतरिक्ष अनुसंधान, दोनों देश अपनी साझेदारी को और व्यापक बनाने पर काम कर रहे हैं। इस वार्ता से यह भी स्पष्ट हुआ कि भारत और रूस केवल सैन्य और आर्थिक साझेदार नहीं हैं, बल्कि वैश्विक और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी एक-दूसरे के भरोसेमंद सहयोगी हैं। पुतिन और मोदी के बीच यह सुलझी हुई और सम्मानजनक बातचीत दोनों देशों के लिए भविष्य में नई संभावनाओं के द्वार खोलती है।

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