Bahraich violence case: मौत की सजा और आजीवन कारावास में छुपा है न्याय का बड़ा रहस्य! जानिए कैसे बदला कानून ने राज

पिछले सालUttar Pradesh के बहरीच जिले के महाराजगंज क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हिंसा भड़क गई थी। इस दौरान हुई गोलीबारी में राम गोपाल मिश्रा की मौत हो गई थी। अब इस मामले में अदालत ने सख्त फैसला सुनाया है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रथम, पवन कुमार शर्मा की अदालत ने 10 दोषियों में से एक को मृत्युदंड और बाकी नौ को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
मामला क्या है?
2024 के अक्टूबर में महाराजगंज में दुर्गा विसर्जन जुलूस के दौरान पत्थरबाजी और आगजनी के बीच हिंसा भड़की। इस हिंसा में क्षेत्र के निवासी राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई। कोर्ट ने मामले की गहन जांच और सबूतों के आधार पर आरोपी दोषियों को कड़ी सजा दी है।

किसे मिली सजा?
-
मृत्युदंड: सरफराज उर्फ़ रिंकू, पुत्र अब्दुल हमीद को मौत की सजा सुनाई गई।
-
आजीवन कारावास: अब्दुल हमीद पुत्र अब्दुल मजीद, फहीम पुत्र अब्दुल हमीद, मोहम्मद तलीब पुत्र अब्दुल हमीद, सैफ अली पुत्र अनवर, जावेद खान पुत्र जाहिद खान, मारूफ अली, मोहम्मद ज़ीशान उर्फ़ राजा पुत्र मोहम्मद अली, नंकाऊ पुत्र नानमून पुत्र मेहदी हसन, और शोएब खान पुत्र मुबारक खान को आजीवन कारावास की सजा दी गई।
