Assam के धुबरी में चला अब तक का सबसे बड़ा बेदखली अभियान, 1400 परिवार प्रभावित

Assam के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा की सरकार ने धुबरी जिले में 3500 बीघा जमीन खाली कराने के लिए बड़ा बेदखली अभियान शुरू किया है। यह अभियान चारुआबखरा, संतोषपुर और चिरकुटा पीटी 1 गांवों में चलाया जा रहा है। इस जमीन पर एक 3200 मेगावाट की थर्मल पावर परियोजना प्रस्तावित है, जिसे असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (APDCL) को सौंपा गया है।
विरोध के दौरान हुआ हिंसक प्रदर्शन और लाठीचार्ज
मंगलवार सुबह शुरू हुए इस अभियान के दौरान दोपहर होते-होते माहौल तनावपूर्ण हो गया। कुछ लोगों ने बुलडोजर पर पत्थर और ईंटें फेंकनी शुरू कर दीं, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा। इस दौरान दो मशीनों को नुकसान भी पहुंचा। हालात काबू में हैं लेकिन स्थानीय लोगों में डर और नाराजगी दोनों बनी हुई है।
प्रभावितों में बंगाली मुस्लिम समुदाय के लोग शामिल
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, इस 3500 बीघा खास जमीन पर करीब 1700 इमारतें बनी हुई हैं, जिनमें 1400 परिवार रहते हैं। इनमें अधिकांश बंगाली बोलने वाले मुस्लिम समुदाय के हैं, जो दशकों से यहां रह रहे हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि इनमें से 197 परिवार ऐसे हैं जिनके पास जमीन के कागज़ात (पट्टा) हैं। इन्हें या तो दूसरी जगह जमीन दी जाएगी या मुआवजा दिया जाएगा।
सरकार ने दिया 50 हजार रुपये का अनुग्रह अनुदान
जिन लोगों के पास पट्टा नहीं है, उन्हें जिला प्रशासन ने “अवैध अतिक्रमणकर्ता” करार दिया है और प्रति परिवार ₹50,000 की अनुग्रह राशि दी गई है ताकि वे अपनी अस्थायी व्यवस्था कर सकें। प्रशासन ने कहा कि बाइजर आलगा गांव में 300 बीघा जमीन आवंटित की गई है, जहां जो लोग जमीनहीन हो गए हैं वे जाकर बस सकते हैं।
विपक्ष का आरोप: अल्पसंख्यकों को डराने की कोशिश
राइजोर दल के नेता और शिवसागर से विधायक अखिल गोगोई इस इलाके में पहुंचे लेकिन उन्हें पुलिस ने हिरासत में ले लिया। उन्होंने इस अभियान को “असंवैधानिक और अल्पसंख्यकों को डराने वाली कार्रवाई” बताया। गोगोई का कहना है कि सरकार को पहले प्रभावित परिवारों को उचित मुआवजा और वैकल्पिक जमीन देनी चाहिए थी।