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बिहार चुनाव में तेजस्वी का जलवा! लेकिन विरोधी बता रहे हैं ‘विलेन’ – जानिए पूरी कहानी!

बिहार की राजनीति में इस वक्त सबसे ज्यादा चर्चा का विषय तेजस्वी यादव हैं। ग्रैंड एलायंस (महागठबंधन) ने उन्हें मुख्यमंत्री पद का चेहरा (CM Face) घोषित कर दिया है। इसी बीच, पटना में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) कार्यालय के बाहर लगा एक पोस्टर, जिसमें तेजस्वी यादव को “बिहार का हीरो” बताया गया है, ने पूरे राजनीतिक माहौल को गर्मा दिया है। पोस्टर लगते ही बीजेपी और जेडीयू ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी, जबकि आरजेडी ने अपने नेता का बचाव किया। तेजस्वी यादव को एक तरफ उनके समर्थक “जनता का नेता” और “बिहार का हीरो” कह रहे हैं, वहीं विपक्ष उन्हें “विलेन” और “अयोग्य” कहकर निशाना बना रहा है। अब बिहार की राजनीति “हीरो बनाम जनता के नेता” की बहस में उलझ गई है।

आरजेडी का बयान: ‘लालू की विरासत संभाल रहे हैं तेजस्वी’

आरजेडी के वरिष्ठ नेता अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा कि तेजस्वी यादव को “जनता का नेता” बनने में अभी समय लगेगा, क्योंकि वह लालू यादव की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि तेजस्वी लगातार इस कोशिश में हैं कि वे अपने पिता की उस राजनीतिक पहचान को आगे बढ़ाएं, जिसमें गरीबों, पिछड़ों और वंचितों की आवाज़ को जगह मिली थी। सिद्दीकी के अनुसार, लालू यादव की राजनीति ने सामाजिक न्याय की जो परंपरा शुरू की थी, उसे तेजस्वी नई पीढ़ी के हिसाब से ढालने की कोशिश कर रहे हैं।

बिहार चुनाव में तेजस्वी का जलवा! लेकिन विरोधी बता रहे हैं ‘विलेन’ – जानिए पूरी कहानी!

दूसरी ओर, तेजस्वी के बड़े भाई तेज प्रताप यादव ने इस मुद्दे पर एक अलग ही बयान देकर चर्चा बढ़ा दी। जब उनसे पूछा गया कि राहुल गांधी को “जनता का नेता” और तेजस्वी को “हीरो” कहा जा रहा है, तो उन्होंने कहा—“जनता के असली नेता तो कर्पूरी ठाकुर, लोहिया, अंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे लोग थे। जो लोग आज खुद को जनता का नेता बता रहे हैं, उन्हें पहले अपनी योग्यता से इसे साबित करना होगा। लालू यादव का आशीर्वाद राहुल गांधी और तेजस्वी दोनों पर है, लेकिन उन्हें अपनी ताकत खुद दिखानी होगी।”

बीजेपी का पलटवार: ‘हीरो नहीं, विलेन हैं तेजस्वी’

इस पूरे विवाद पर बिहार बीजेपी ने तेजस्वी यादव पर सीधा हमला बोला है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा, “ये लोग हीरो नहीं, विलेन हैं। विपक्ष के पास अब कोई मुद्दा नहीं बचा है, इसलिए वह ऐसे पोस्टरों और नारों के सहारे राजनीति कर रहा है।” उन्होंने कहा कि जनता अब ऐसे प्रचार से प्रभावित नहीं होती।

एक अन्य बीजेपी नेता ने चुटकी लेते हुए कहा, “जब राहुल गांधी बिहार आए थे, तो उन्होंने खुद को ‘जनता का नेता’ बताया। अब तेजस्वी यादव को लगा कि वो पीछे रह गए, इसलिए उन्होंने खुद को ‘हीरो’ घोषित कर दिया। यह सब ग्रैंड एलायंस में चल रही प्रतिस्पर्धा की राजनीति का हिस्सा है।” बीजेपी नेताओं का कहना है कि बिहार की जनता विकास और रोज़गार जैसे मुद्दों पर बात चाहती है, न कि ‘हीरो-विलेन’ जैसे नाटकीय राजनीतिक नारों पर।

चिराग पासवान का व्यंग्य और कर्पूरी ठाकुर का उदाहरण

लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख चिराग पासवान ने भी तेजस्वी यादव पर तंज कसा। उन्होंने कहा, “आप खुद को जनता का नेता बता रहे हैं, जबकि अभी तक मुख्यमंत्री भी नहीं बने हैं। नेता बनने के लिए पहले जनता का भरोसा जीतना पड़ता है।” चिराग के इस बयान ने राजनीतिक माहौल को और गर्मा दिया।

दरअसल, बिहार की जनता आज भी कर्पूरी ठाकुर को ही सच्चा जनता का नेता मानती है। उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए भूमि सुधार लागू किए, भूमिहीनों को ज़मीन दिलाई और पिछड़ों के लिए आरक्षण लागू किया। इसके बावजूद उन्होंने कभी अपने परिवार या निजी हितों के लिए काम नहीं किया। कर्पूरी ठाकुर की राजनीति जाति और वर्ग से ऊपर थी, यही कारण है कि आज भी हर वर्ग और समुदाय के लोग उन्हें सम्मान से याद करते हैं।

बिहार में इस समय “हीरो बनाम जनता के नेता” की जो बहस छिड़ी है, उसने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या आज के नेता वास्तव में जनता के हित में काम कर रहे हैं, या सिर्फ राजनीतिक छवि गढ़ने की दौड़ में लगे हैं। तेजस्वी यादव का यह नया “हीरो” टैग बिहार की राजनीति में आने वाले दिनों में और कई दिलचस्प मोड़ ला सकता है।

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