कैंसर से जंग लड़ते हुए भी तन्निष्ठा चटर्जी का हौसला, फिल्म ‘Full Plate’ लेकर पहुंचेंगी बुसान फेस्टिवल

अभिनेत्री-निर्देशक तनीष्ठा चटर्जी, जो इस समय स्टेज-4 ओलिगो मेटास्टेटिक कैंसर से जूझ रही हैं, अब बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल में अपनी फिल्म ‘फुल प्लेट’ के प्रीमियर के लिए जा रही हैं। इस मौके को यादगार बनाने के लिए उनकी करीबी सहेलियों ने एक खास जश्न मनाया। कुछ समय पहले ही तनीष्ठा ने खुलकर बताया था कि उनके पिता का हाल ही में कैंसर से निधन हुआ था और उसके कुछ महीनों बाद ही उन्हें भी इस गंभीर बीमारी का पता चला। इसके बावजूद वह अपने बूढ़ी मां और बेटी, जो उन पर निर्भर हैं, के लिए मजबूती से खड़ी हैं और इस बीमारी से लड़ रही हैं।
शबाना आज़मी का भावुक पोस्ट
हाल ही में शबाना आज़मी ने इंस्टाग्राम पर कुछ तस्वीरें और एक वीडियो साझा किया, जिसमें तनीष्ठा अपनी गर्ल गैंग—उर्मिला मातोंडकर, संध्या मृदुल, शहाना गोस्वामी, दिव्या दत्ता और शबाना आज़मी के साथ हंसते-मुस्कुराते नज़र आ रही हैं। एक वीडियो में तनीष्ठा केक काटती दिखाई दीं, जबकि उनकी सहेलियां उन्हें प्यार से ‘टाइगर टैन’ कहकर हौसला बढ़ा रही थीं। शबाना ने इस लम्हे को शब्दों में बयां करते हुए लिखा, “टाइगर टैन के नाम, जो कैंसर के इलाज के दौरान अपनी डायरेक्टोरियल फिल्म पूरी कर बुसान इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल जा रही हैं। तुम जिब्राल्टर की चट्टान जितनी मज़बूत हो।”
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सहेलियों और इंडस्ट्री का साथ
तनीष्ठा की इस जंग में उनकी सहेलियों और फिल्मी दुनिया की कई हस्तियों ने उन्हें भरपूर समर्थन दिया है। संध्या मृदुल ने लिखा, “हमारी स्वीट टाइगर टैन अपनी फिल्म लेकर बुसान जा रही है और हम बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। हमारी नज़रों में वो पहले ही जीत चुकी हैं।” इसी पोस्ट पर ऋचा चड्ढा, दिया मिर्ज़ा और तिलोत्तमा शोमे जैसी जानी-मानी अभिनेत्रियों ने भी प्रतिक्रिया दी। तनीष्ठा ने शबाना को धन्यवाद देते हुए उन्हें “रॉकस्टार” कहा। यह सब दर्शाता है कि किस तरह पूरी इंडस्ट्री उनके साथ खड़ी है और उन्हें मानसिक ताकत दे रही है।
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जीवन की जंग में दोस्तों का सहारा
बीमारी का सामना करते हुए भी तनीष्ठा ने ‘फुल प्लेट’ का पोस्ट-प्रोडक्शन पूरा किया। एनडीटीवी को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनकी सहेलियां उनके लिए परिवार की तरह बनी रहीं। “मेरे दोस्तों ने अस्पताल आकर मुझे कभी अकेला नहीं महसूस होने दिया। शबाना जी कई बार आईं, उर्मिला, संध्या, दिव्या—सब मुझे देखने आती थीं। हर कीमोथेरेपी सेशन में दो-तीन दोस्त बारी-बारी से मेरे साथ रहते। मैंने उनसे नहीं कहा था, लेकिन उन्होंने खुद यह जिम्मेदारी बांट ली थी।” तनीष्ठा ने यह भी बताया कि सिनेमैटोग्राफर दीप्ति गुप्ता और अभिनेता संजय सूरी ने भी इस कठिन दौर में उनका साथ दिया। उनकी यह कहानी न सिर्फ साहस की मिसाल है, बल्कि यह भी बताती है कि दोस्त और परिवार जैसी मौजूदगी जीवन की सबसे बड़ी ताकत होती है।