Sachin Tendulkar: सचिन तेंदुलकर ने अंपायर स्टीव बकनर पर किया मजाक, कहा बॉक्सिंग ग्लव्स पहनने चाहिए

Sachin Tendulkar: क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर ने अपने 24 साल के करियर में भारतीय क्रिकेट को कई यादगार पारियां दी हैं। सचिन अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में सबसे अधिक शतक बनाने वाले बल्लेबाज हैं और उनके नाम कुल 100 शतक दर्ज हैं। मैदान पर उनका स्वाभाविक शांत रहने वाला व्यक्तित्व उन्हें हमेशा अलग बनाता था। बहुत कम ही बार ऐसा देखा गया जब सचिन गुस्से में नजर आए हों।
गलत आउट का पहला अनुभव
सचिन का गुस्सा अक्सर तब दिखाई दिया जब उन्हें अंपायर के गलत फैसले का सामना करना पड़ा। उस समय डीआरएस (डिसीजन रिव्यू सिस्टम) मौजूद नहीं था, अन्यथा कई बार सचिन आउट नहीं होते। उनके खिलाफ कई बड़े अंपायर ने विवादित फैसले दिए। इनमें वेस्टइंडीज के अंपायर स्टीव बकनर का नाम सबसे ज्यादा याद किया जाता है। सचिन को कई मौकों पर बकनर ने आउट दिया, जबकि वे वास्तव में नॉट आउट थे।
पहली बार सचिन के खिलाफ गलत आउट 2003 में ब्रिस्बेन में आया। उस मैच में जेसन गिलेस्पी की गेंद सचिन के पैड पर लगी थी। सचिन ने शॉट नहीं खेला था, लेकिन स्टीव बकनर ने उन्हें आउट करार दिया। इस फैसले ने सचिन समेत सभी दर्शकों को हैरान कर दिया। बाद में रिप्ले में देखा गया कि गेंद स्टंप से लगभग 10 इंच ऊपर थी, यानी सचिन पूरी तरह नॉट आउट थे।

पाकिस्तान के खिलाफ विवाद
सचिन के करियर में एक और विवाद पाकिस्तान के खिलाफ ईडन गार्डन्स ग्राउंड पर हुआ। अब्दुल रज्जाक की गेंद पर सचिन ने हलके हाथ से खेला, लेकिन गेंद बल्ले से बिना टकराए सीधे विकेटकीपर के हाथ में गई। रज्जाक ने हल्की सी अपील की, लेकिन बकनर ने उंगली उठाकर सचिन को आउट करार दिया। इस फैसले पर सचिन ने बहस नहीं की, लेकिन पवेलियन लौटते हुए उनके चेहरे पर निराशा साफ झलक रही थी।
सचिन का मजाकिया जवाब
हाल ही में सचिन तेंदुलकर ने रेडिट पर अपना पहला ‘आस्क मी एनीथिंग’ (AMA) सेशन किया, जिसमें उन्होंने फैंस के सवालों का जवाब दिया। इसी दौरान एक फैन ने स्टीव बकनर के बारे में सवाल पूछा। सचिन ने मजाकिया अंदाज में कहा,
“जब भी मैं बल्लेबाजी करूं तो उन्हें बॉक्सिंग ग्लव्स पहनवा देना, ताकि वो अपनी उंगली ऊपर न कर पाए और मुझे आउट न कर सकें।”
इस जवाब से साफ है कि सचिन ने अतीत की इन गलतियों को हल्के-फुल्के अंदाज में लिया और फैंस के साथ हंसते हुए साझा किया।
सचिन की निरंतरता और धैर्य
इन विवादों के बावजूद सचिन ने कभी अपने खेल को प्रभावित नहीं होने दिया। उन्होंने अपने करियर में लगातार रन बनाए और टीम के लिए योगदान दिया। स्टीव बकनर के गलत आउट जैसे फैसलों के बावजूद सचिन ने मैदान पर संयम और पेशेवर रवैया बनाए रखा। यही कारण है कि उन्हें क्रिकेट का भगवान कहा जाता है।
सचिन तेंदुलकर का करियर केवल उनके शतकों और रिकॉर्ड्स के लिए ही नहीं, बल्कि उनके खेल के प्रति धैर्य, मैदान पर संयम और विपरीत परिस्थितियों में मानसिक मजबूती के लिए भी याद किया जाता है। स्टीव बकनर द्वारा दिए गए विवादित आउट उनके करियर की एक दिलचस्प और हास्यास्पद याद के रूप में हमेशा क्रिकेट फैंस के मन में रहेंगे। सचिन ने खुद इस बात को मजाक में बदल दिया, लेकिन उनके खेल और योगदान को कभी कोई छाया नहीं डाल सका।
सचिन तेंदुलकर के ये अनुभव क्रिकेट के रोमांचक और कभी-कभी विवादास्पद पक्ष को दर्शाते हैं, और यह बताता है कि महान खिलाड़ियों की पहचान केवल रन और शतकों से नहीं बल्कि उनके मानसिक संतुलन और धैर्य से भी होती है।