रूसी महिला Nina ने गोकर्ण की गुफा में बच्चों संग रहकर बनाई रहस्यमयी दुनिया, बोली- मरने नहीं आई

कर्नाटक के गोकर्ण में रमतिर्था पहाड़ियों की एक गुफा में अपनी दो बेटियों के साथ पाई गई रूसी महिला निना कुटिना उर्फ मोहिनी ने अपने इस फैसले का बचाव किया है। निना ने कहा कि उनका परिवार प्रकृति से गहरा लगाव रखता है और वे पिछले कई वर्षों से लगभग 20 देशों के जंगलों में रह चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने अपने बच्चों को किसी खतरे में डालने के इरादे से वहां नहीं लाया था। निना ने कहा, “हमारे पास प्रकृति में रहने का काफी अनुभव है और हम मर नहीं रहे थे। मैं अपने बच्चों को मरने के लिए जंगल में नहीं लायी… वे बहुत खुश थे।”
गुफा में रहना न था खतरनाक
निना कुटिना ने यह भी कहा कि जिस गुफा में वे अपने बच्चों के साथ रह रही थीं, वह किसी बड़े और घने जंगल में नहीं थी जहां पहुंचना कठिन हो। उन्होंने बताया कि वह गुफा गांव के बेहद करीब थी और काफी बड़ी व सुंदर भी थी। निना ने कहा, “गुफा इतनी दूर नहीं थी कि हम तक कोई पहुंच न सके या हमें भोजन खरीदने में दिक्कत हो। वहां रहना खतरनाक नहीं था।” उन्होंने बताया कि वे और उनकी बेटियां जलप्रपात में तैरती थीं और भूख से परेशान नहीं थीं। निना के अनुसार, वे वहां प्राकृतिक जीवन का आनंद ले रही थीं और उनकी जिंदगी खुशहाल थी।
#WATCH | Bengaluru | Russian national Nina Kutina, who was found living with her two daughters in a remote cave near Gokarna in Karnataka, says, "We have a lot of experience staying in nature and we were not dying. I did not bring my children to die in the jungle…We used to… pic.twitter.com/iY0Bi8I6xb
— ANI (@ANI) July 14, 2025
वीज़ा विवाद पर निना का पक्ष
यह भी बताया जा रहा है कि निना 2016 में व्यवसायिक वीज़ा पर भारत आई थीं, जो 2017 में समाप्त हो गया। हालांकि, निना ने इस बात से इनकार किया कि उनका वीज़ा 2017 से ही समाप्त है। उन्होंने माना कि उनका वीज़ा एक्सपायर हुआ है, लेकिन वह हाल ही में हुआ था। निना ने कहा, “हमारे पास वैध वीज़ा नहीं है, यह समाप्त हो चुका है। लेकिन यह बहुत समय पहले नहीं हुआ। 2017 के बाद हम चार देशों में रह चुके हैं और फिर भारत वापस आए।” इससे यह संकेत मिलता है कि उनका भारत में रहने का मामला भी जांच का विषय बन सकता है।
पुलिस की जांच और गुफा में परिवार की हालत
निना और उनके बच्चों को रमतिर्था पहाड़ी पर एक सामान्य निरीक्षण के दौरान पाया गया था, जो वहां हाल ही में हुए भूस्खलन के बाद किया गया था। पुलिस टीम ने गुफा के बाहर सूती कपड़े और साड़ियां सुखाते देख उन्हें छानबीन के लिए भेजा। पुलिस अधीक्षक म. नारायण ने बताया कि उन्हें देखकर पुलिस भी हैरान रह गई कि एक महिला और उसके बच्चे इतने कठिन हालात में भी जीवित कैसे रहे। पुलिस के अनुसार, निना और उनके बच्चे प्लास्टिक की चादरों पर सोते थे और भोजन के लिए इंस्टेंट फूड का सहारा लेते थे। पुलिस इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रही है।