टेक्नॉलॉजी

SPECT स्कैन में क्रांति! Perovskite डिटेक्टर करेगा हार्ट और रोगों की तस्वीर पहले से भी साफ और सटीक

न्यूक्लियर मेडिसिन में SPECT स्कैन जैसी तकनीकें डॉक्टरों को हृदय की धड़कन, रक्त प्रवाह और शरीर में छिपी बीमारियों को देखने की अनुमति देती हैं। हालांकि, इन स्कैनर्स में इस्तेमाल होने वाले डिटेक्टर बेहद महंगे और जटिल होते हैं। अब, नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी (यूएसए) और सूझोउ यूनिवर्सिटी (चीन) के शोधकर्ताओं ने दुनिया का पहला पेरोव्सकाइट-आधारित डिटेक्टर विकसित किया है। यह नई तकनीक SPECT इमेजिंग को और भी स्पष्ट, किफायती और सुरक्षित बनाएगी, क्योंकि यह गामा किरणों को अत्यधिक सटीकता के साथ पकड़ सकती है।

पेरोव्सकाइट की खासियत

पेरोव्सकाइट क्रिस्टल पहले ही सोलर एनर्जी में क्रांति ला चुके हैं और अब इन्हें मेडिकल इमेजिंग में भी इस्तेमाल किया जा रहा है। शोधकर्ताओं के अनुसार, इस तकनीक से बने डिटेक्टर न केवल अधिक सटीक इमेज देंगे बल्कि मरीजों के लिए न्यूक्लियर रेडिएशन की मात्रा कम, और स्कैन का समय भी कम होगा। यह तकनीक पुराने डिटेक्टरों की कई कमियों को दूर करती है, जिससे मरीजों को अधिक सुरक्षित और प्रभावी डायग्नोस्टिक अनुभव मिलेगा।

SPECT स्कैन में क्रांति! Perovskite डिटेक्टर करेगा हार्ट और रोगों की तस्वीर पहले से भी साफ और सटीक

पुराने डिटेक्टरों की सीमाएँ

इससे पहले CZT (कैडमियम जिंक टेल्यूराइड) और NaI (सोडियम आयोडाइड) क्रिस्टल से बने डिटेक्टर इस्तेमाल किए जाते थे। ये डिटेक्टर:

  • लाखों डॉलर महंगे होते थे,
  • निर्माण में जटिल और बेहद नाजुक होते थे,
  • सस्ते होते थे लेकिन भारी और कम स्पष्ट इमेज देते थे, जैसे धुंधले शीशे से देखना।

इन सीमाओं को दूर करने के लिए वैज्ञानिकों ने पेरोव्सकाइट क्रिस्टल का सहारा लिया। 2013 में पहली बार यह साबित हुआ कि पेरोव्सकाइट क्रिस्टल गामा किरणों और एक्स-रे को पकड़ सकते हैं। अब इस तकनीक को आगे बढ़ाते हुए शोधकर्ताओं ने स्मार्टफोन कैमरे की तरह पिक्सल-आधारित सेंसर विकसित किया है, जो अब तक की सबसे बेहतरीन एनर्जी रिज़ॉल्यूशन प्रदान करता है।

मरीजों को होंगे लाभ

नए पेरोव्सकाइट कैमरे के डिटेक्टर अधिक संवेदनशील हैं। इसके कारण:

  • स्कैनिंग समय कम होगा,
  • मरीजों को मिलने वाला रेडिएशन डोज़ कम होगा,
  • डॉक्टरों को अत्यधिक स्पष्ट और सटीक डायग्नोस्टिक इमेज प्राप्त होंगी।

इसके अलावा, नए डिटेक्टरों की मदद से क्लीनिकल स्कैनर्स सूक्ष्मतम संकेत भी पकड़ सकते हैं, जिससे शरीर की सबसे छोटी समस्याएं भी समय पर पता चल सकेंगी। स्कैन अधिक तेज, स्थिर और सुरक्षित होंगे। इस प्रकार, पेरोव्सकाइट आधारित तकनीक न केवल चिकित्सा क्षेत्र में नई संभावनाओं को जन्म दे रही है बल्कि मरीजों और डॉक्टरों दोनों के लिए स्वास्थ्य जांच को अधिक भरोसेमंद और प्रभावी बना रही है।

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