यमन से आई राहत की खबर, निमिशा प्रिया की फांसी की सजा हुई रद्द, परिवार में खुशी की लहर

भारतीय नर्स निमिषा प्रिया के मामले में एक बड़ी और राहत भरी खबर सामने आई है। यमन में हत्या के एक मामले में मौत की सजा पा चुकीं निमिषा प्रिया की फांसी अब रद्द कर दी गई है। यह जानकारी भारत के ग्रैंड मुफ्ती कंतापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार के कार्यालय से दी गई है। यह खबर न केवल निमिषा की मां और बेटी के लिए राहत लेकर आई है, बल्कि उन सभी के लिए उम्मीद की किरण बनी है जो लंबे समय से इस मामले को लेकर संघर्ष कर रहे थे।
ग्रैंड मुफ्ती कार्यालय का दावा और सरकारी पुष्टि का इंतजार
भारत के ग्रैंड मुफ्ती के कार्यालय के अनुसार, एक उच्चस्तरीय बैठक के बाद निमिषा प्रिया की मौत की सजा को स्थायी रूप से रद्द करने का फैसला लिया गया है। पहले इस सजा पर अस्थायी रोक लगाई गई थी, लेकिन अब उसे पूरी तरह से खत्म कर दिया गया है। यह बैठक यमन की राजधानी सना में हुई थी और इसमें उत्तर यमन के शासकों, यमनी विद्वानों और अंतरराष्ट्रीय राजनयिक प्रतिनिधियों की उपस्थिति रही। यह फैसला ग्रैंड मुफ्ती कंतापुरम ए.पी. अबूबकर मुसलियार के हस्तक्षेप और मध्यस्थता प्रयासों के बाद लिया गया। हालांकि, अब तक भारत सरकार या विदेश मंत्रालय की ओर से इस खबर की औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है।
निमिषा प्रिया मामला: पूरी कहानी
निमिषा प्रिया केरल के पलक्कड़ जिले की निवासी हैं और एक नर्स के रूप में काम करती थीं। वर्ष 2017 में उन्हें यमन में अपने व्यवसायी साझेदार की हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था। वर्ष 2020 में उन्हें वहां की अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। इसके बाद वर्ष 2023 में उनकी अंतिम अपील को भी खारिज कर दिया गया था। पहले उन्हें 16 जुलाई 2025 को फांसी दी जानी थी, लेकिन बाद में इस पर रोक लगा दी गई। अब ग्रैंड मुफ्ती कार्यालय की ओर से इस सजा के पूरी तरह से रद्द होने की जानकारी सामने आई है। इस समय निमिषा सना की जेल में बंद हैं।
अब आगे की राह और उम्मीदें
हालांकि अभी तक भारत सरकार की ओर से आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है, लेकिन अगर ग्रैंड मुफ्ती कार्यालय की बातों को सही माना जाए तो यह फैसला मानवता और न्याय की दिशा में एक बड़ी सफलता मानी जा सकती है। यह मामला विदेशों में फंसे भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और भारत सरकार की भूमिका को लेकर भी एक बार फिर चर्चा में आ गया है। निमिषा की मां और बेटी ने कई बार भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई थी और देशभर में लोगों ने इस मामले को लेकर आवाज उठाई थी। अब सभी की नजरें इस पर टिकी हैं कि विदेश मंत्रालय कब तक औपचारिक रूप से इसकी पुष्टि करता है और निमिषा की भारत वापसी की प्रक्रिया कैसे आगे बढ़ती है।