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टैक्स कलेक्शन में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, अप्रैल से दिसंबर तक राजस्व 17.05 लाख करोड़ रुपये तक

सरकार की आमदनी को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। केंद्र सरकार द्वारा टैक्स स्लैब में राहत देने और रिफंड जल्दी जारी करने के फैसलों का सीधा असर टैक्स कलेक्शन पर देखने को मिला है। वित्त वर्ष 2025-26 में अप्रैल से लेकर 17 दिसंबर तक के आंकड़ों के अनुसार, सरकार का टैक्स कलेक्शन करीब 8 प्रतिशत बढ़कर 17.05 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। यह वृद्धि दर्शाती है कि करदाता और कंपनियां सरकार को अच्छा रिस्पॉन्स दे रही हैं, जिससे राजस्व में मजबूती आई है। इस बढ़ोतरी से यह स्पष्ट हो रहा है कि सरकार की नीतियां और टैक्स व्यवस्थाएं अब प्रभावी ढंग से काम कर रही हैं।

कॉर्पोरेट टैक्स में उल्लेखनीय बढ़ोतरी

इनकम टैक्स विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, टैक्स कलेक्शन में सबसे बड़ी हिस्सेदारी कॉर्पोरेट टैक्स की रही है। पिछले साल कॉर्पोरेट टैक्स कलेक्शन 7,39,353 करोड़ रुपये था, जबकि इस वित्त वर्ष में यह बढ़कर 8,17,310 करोड़ रुपये हो गया है। यह इजाफा दर्शाता है कि न केवल कॉर्पोरेट कंपनियों की कमाई मजबूत हुई है, बल्कि टैक्स का भुगतान भी बढ़ा है। कुल नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन इस वित्तीय वर्ष अब तक 17,04,725 करोड़ रुपये रहा है, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 15,78,433 करोड़ रुपये था। यह डेटा स्पष्ट करता है कि बड़े उद्योग और कॉर्पोरेट सेक्टर सरकार की आमदनी में प्रमुख योगदान दे रहे हैं।

आम करदाताओं का मजबूत समर्थन

कॉर्पोरेट टैक्स के साथ-साथ नॉन-कॉर्पोरेट टैक्स यानी सैलरी पाने वाले कर्मचारियों, प्रोफेशनल्स और छोटे कारोबारियों से मिलने वाले टैक्स में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। इस वित्त वर्ष अब तक इस श्रेणी से 8,46,905 करोड़ रुपये की आमदनी दर्ज की गई है। यह आंकड़ा संकेत देता है कि पर्सनल इनकम टैक्स से भी सरकार को मजबूत आमदनी प्राप्त हो रही है। करदाताओं का यह सहयोग अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए महत्वपूर्ण है और इससे सरकार को विभिन्न सामाजिक और विकासात्मक योजनाओं के लिए वित्तीय संसाधन मिल रहे हैं।

एडवांस टैक्स में भी आई तेजी

वित्त वर्ष 2025-26 में एडवांस टैक्स कलेक्शन में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। अब तक कुल 7,88,388 करोड़ रुपये एडवांस टैक्स के रूप में सरकार के खजाने में जमा हो चुके हैं। यह लगभग 4.27 प्रतिशत की तेजी को दर्शाता है। एडवांस टैक्स में यह वृद्धि संकेत देती है कि व्यवसायों और प्रोफेशनल्स की आय में सुधार हुआ है और वे अपने टैक्स दायित्वों को समय पर पूरा कर रहे हैं। कुल मिलाकर, इन आंकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि वित्त वर्ष 2025-26 में सरकार का राजस्व मजबूत और स्थिर दिखाई दे रहा है, जो आने वाले वर्षों में आर्थिक विकास की दिशा में सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है।

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