कांग्रेस अध्यक्ष ने CWC बैठक में कहा- लोकतंत्र कमजोर, आम नागरिक के अधिकार लगातार सिमट रहे

कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की अहम बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि देश इस समय ऐसे दौर से गुजर रहा है, जहां लोकतांत्रिक संस्थाएं कमजोर हो रही हैं, संविधान की भावना पर चोट लग रही है और आम नागरिक के अधिकार लगातार सिकुड़ रहे हैं। खरगे के मुताबिक, यह केवल हालात की समीक्षा का समय नहीं, बल्कि आने वाले संघर्ष की दिशा तय करने का निर्णायक मोड़ है। उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र का जिक्र करते हुए कहा कि मोदी सरकार ने मनरेगा जैसी ऐतिहासिक योजना को कमजोर कर करोड़ों गरीबों, मजदूरों और ग्रामीण परिवारों की रोजी-रोटी पर सीधा प्रहार किया है। उनका कहना था कि मनरेगा को खत्म करना महात्मा गांधी के विचारों और उनके सम्मान पर हमला है।
गरीबों से ज्यादा उद्योगपतियों के हित में नीतियां
खरगे ने आरोप लगाया कि मौजूदा सरकार की नीतियां आम जनता के हित में नहीं, बल्कि चुनिंदा बड़े उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए बनाई जा रही हैं। उन्होंने याद दिलाया कि मनरेगा ने गांधी जी के सर्वोदय के सपने को जमीन पर उतारने का काम किया था और इस योजना का अंत सामूहिक नैतिक विफलता को दर्शाता है। खरगे ने कहा कि काम करने का अधिकार संविधान के नीति निर्देशक तत्वों की आत्मा है, जिसे यूपीए सरकार ने शिक्षा, भोजन, स्वास्थ्य और रोजगार के अधिकार के रूप में मजबूत किया था। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की इस योजना की हमेशा सराहना होती थी, और यह दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना बन चुकी थी।
मनरेगा के बचाव के लिए देशव्यापी आंदोलन जरूरी
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि मोदी सरकार ने बिना किसी गंभीर अध्ययन और विपक्ष या राज्यों से चर्चा किए मनरेगा को समाप्त कर नया कानून लागू कर दिया, जिसकी तुलना कृषि कानूनों से की जा सकती है, जिन्हें बाद में जनता के दबाव में वापस लेना पड़ा। उन्होंने जोर देकर कहा कि मनरेगा को बचाने के लिए देशव्यापी जन आंदोलन आवश्यक है। खरगे ने भरोसा जताया कि जैसे कृषि कानूनों के खिलाफ संघर्ष में जनता ने सरकार को पीछे हटने पर मजबूर किया, वैसे ही मनरेगा के मुद्दे पर भी जनता की ताकत सरकार को झुकने पर मजबूर करेगी। उन्होंने कहा कि इस संघर्ष के माध्यम से न केवल योजना को बहाल किया जाएगा बल्कि आम जनता के अधिकारों की भी रक्षा होगी।
संगठन मजबूत करने और लोकतांत्रिक अधिकारों पर जोर
बैठक में संगठन सृजन अभियान और चुनावी तैयारियों पर भी चर्चा हुई। खरगे ने बताया कि सैकड़ों जिलों में जिला अध्यक्षों की नियुक्ति हो चुकी है और आने वाले महीनों में यह प्रक्रिया पूरे प्रदेश में पूरी की जाएगी। उन्होंने 2026 में होने वाले असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के चुनावों की तैयारियों का भी जिक्र किया। इसके अलावा उन्होंने SIR प्रक्रिया को लोकतांत्रिक अधिकारों पर हमला बताते हुए दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के नाम मतदाता सूची से हटाने की कथित साजिश का मुद्दा उठाया। खरगे ने पार्टी कार्यकर्ताओं से घर-घर जाकर सूची की जांच करने का आह्वान किया। उन्होंने ED, CBI और IT के कथित दुरुपयोग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि कांग्रेस इस लड़ाई को अदालत और सड़क दोनों जगह लड़ेगी। सामाजिक सौहार्द पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने पड़ोसी बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हमलों और देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली घटनाओं की निंदा की।