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PM मोदी और राष्ट्रपति मुर्मु का दिवाली मिलन, जानें क्यों सोशल मीडिया पर हो रहा चर्चा का माहौल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से राष्ट्रपति भवन में मुलाकात की और उन्हें दिवाली की शुभकामनाएँ दी। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी अपने सोशल मीडिया पोस्ट में इस अवसर की जानकारी साझा करते हुए लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन में मुझसे मुलाकात की और दिवाली की शुभकामनाएँ दीं।” इससे पहले राष्ट्रपति मुर्मू ने पूरे देशवासियों और विदेशों में रहने वाले भारतीयों को दिवाली की बधाई दी। अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में उन्होंने लिखा, “इस पावन अवसर पर मैं भारत और विदेशों में रहने वाले सभी भारतीयों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ और मंगलकामनाएँ देती हूँ।”

राष्ट्रपति ने दी दिवाली पर संदेश और मार्गदर्शन

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपने संदेश में कहा कि यह त्योहार सिर्फ खुशियाँ मनाने का अवसर नहीं है, बल्कि आत्म-विश्लेषण और आत्म-सुधार का भी समय है। उन्होंने कहा कि दिवाली गरीब और जरूरतमंद लोगों की मदद करने और उनके जीवन में खुशियाँ लाने का भी अवसर है। राष्ट्रपति ने सभी नागरिकों से सुरक्षित, जिम्मेदार और पर्यावरण के अनुकूल तरीके से दिवाली मनाने का आग्रह किया। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह दिवाली सभी के जीवन में खुशी, शांति और समृद्धि लेकर आए।

प्रधानमंत्री मोदी ने सैनिकों के साथ मनाई दिवाली

दूसरी ओर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परंपरा का पालन करते हुए इस वर्ष गोवा और करवार तट के पास स्थित INS विक्रांत पर जाकर सैनिकों के साथ दिवाली मनाई। उन्होंने सैनिकों के साथ बातचीत की और कहा कि उनके साथ प्रकाश के इस पर्व का उत्सव मनाना उनके लिए गर्व की बात है। प्रधानमंत्री ने सैनिकों को संबोधित करते हुए कहा, “आज एक ओर मेरे सामने अनंत आकाश और समुद्र का विस्तार है, और दूसरी ओर यह महाकाय INS विक्रांत, जो शक्ति का प्रतीक है। सूरज की किरणों का समुद्र पर चमकना सैनिकों द्वारा जलाए गए दिवाली दीपकों के समान है।” यह समारोह सैनिकों के उत्साह और समर्पण को सम्मान देने का प्रतीक भी बना।

दिवाली के पाँच दिन और उनके महत्व

दिवाली का त्योहार पाँच दिन तक मनाया जाता है। यह पर्व धनतेरस से शुरू होता है, जिसमें लोग सोना-चांदी और बर्तन खरीदते हैं और देवी-देवताओं की पूजा करते हैं। दूसरे दिन को नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली कहा जाता है। तीसरा दिन दिवाली का मुख्य दिन होता है, जब लोग भगवान गणेश और देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं और धन और समृद्धि की कामना करते हैं। चौथे दिन को गोवर्धन पूजा के लिए समर्पित किया जाता है, जबकि पाँचवाँ और अंतिम दिन भाई दूज मनाया जाता है। भाई दूज पर बहनें अपने भाइयों को तिलक लगाकर उनके दीर्घायु और सुखी जीवन की कामना करती हैं और भाई अपनी बहनों को उपहार देते हैं।

इस प्रकार, दिवाली न केवल रोशनी और खुशियों का पर्व है, बल्कि यह संपर्क, सम्मान और सांस्कृतिक मूल्यों को भी मजबूती देने का अवसर है। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के संदेश और सैनिकों के साथ उत्सव ने इस पर्व को और भी खास बना दिया।

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