Mutual Funds में निवेशकों का मोहभंग, अक्टूबर में 19% की भारी गिरावट

अक्टूबर महीने में म्यूचुअल फंड की इक्विटी स्कीम्स में शुद्ध निवेश लगभग 19 प्रतिशत घटकर 24,690 करोड़ रुपये रह गया। यह लगातार तीसरा महीना है जब निवेश में गिरावट दर्ज की गई है। यह जानकारी उद्योग निकाय एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स ऑफ इंडिया (AMFI) ने मंगलवार को दी। खास बात यह है कि खुदरा निवेशकों की पसंदीदा व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) में भी सितंबर के रिकॉर्ड 29,631 करोड़ रुपये की तुलना में निवेश में गिरावट देखी गई है।
SIP में निवेश में मामूली कमी, गोल्ड ETF में बढ़त
हालांकि SIP में कुल निवेश में मामूली गिरावट दर्ज हुई, लेकिन सोने की बढ़ती कीमतों के चलते गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) में 7,743 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश हुआ। यह दर्शाता है कि निवेशक गोल्ड जैसी सुरक्षित संपत्तियों की ओर रुख कर रहे हैं। ETF का कुल प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियां (AUM) 1 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच चुकी हैं, जो निवेशकों की बढ़ती दिलचस्पी को दर्शाता है।

मुनाफावसूली और निकासी से गिरावट का प्रभाव
AMFI के मुख्य कार्यपालक अधिकारी वी. एन. चलसानी ने बताया कि बाजारों में पिछले तेजी के बाद मुनाफावसूली की वजह से निवेशकों ने निकासी शुरू कर दी है। अक्टूबर में कुल निकासी 38,920 करोड़ रुपये रही, जबकि सितंबर में यह 35,982 करोड़ रुपये थी। हालांकि, इस दौरान इक्विटी स्कीम्स का कुल AUM बढ़कर 35.16 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है, जो पिछले महीने के 33.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक है।
बाजार में उतार-चढ़ाव, फिर भी मजबूती दिखी
पिछले सप्ताह लगातार तीन दिनों की गिरावट के बाद मंगलवार को बाजार ने मजबूती दिखाते हुए कारोबार बंद किया। बीएसई सेंसेक्स 335.97 अंकों की बढ़त के साथ 83,871.32 पर बंद हुआ, जबकि एनएसई का निफ्टी 50 भी 120.60 अंकों की तेजी के साथ 25,694.95 पर बंद हुआ। दिनभर बाजार में उतार-चढ़ाव देखा गया, लेकिन अंत में खरीदारी हावी रही। सोमवार को भी बाजार सकारात्मक रहा था।
निवेशकों के लिए सावधानी और अवसर दोनों हैं
मौजूदा समय में मुनाफावसूली और बाजार की अनिश्चितताओं के बीच निवेशकों के लिए सावधानी बरतना जरूरी है। वहीं, गोल्ड ETF जैसे सुरक्षित विकल्पों में निवेश बढ़ा है, जो आर्थिक अनिश्चितता के समय निवेशकों की प्राथमिकता बनता जा रहा है। म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों को बाजार की चाल समझकर सही निर्णय लेना होगा ताकि वे दीर्घकालिक लाभ उठा सकें।
