Indus Water Treaty: सिंधु जल संधि पर तनाव! पाकिस्तान ने किया अचानक संवाद का प्रस्ताव

Indus Water Treaty: पहलागाम आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए जिनमें इंडस वाटर ट्रीटी (आईडब्ल्यूटी) को निलंबित करना सबसे बड़ा था। यह पहली बार था जब भारत ने इस 1960 में हुए समझौते को अस्थायी रूप से रोक दिया। इस फैसले से पाकिस्तान को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ा।
पाकिस्तान ने की वार्ता की इच्छा व्यक्त
हाल ही में पाकिस्तान के जल संसाधन सचिव सैयद अली मुर्तजा ने भारत के इस निलंबन के फैसले पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने भारत की आपत्तियों पर बातचीत करने की पेशकश की है जो पहली बार भारत के इस कड़े फैसले के बाद सामने आई है। मुर्तजा ने कहा है कि इस समझौते से बाहर निकलने की कोई शर्त नहीं है।
भारत ने पहले भी भेजे थे नोटिस
भारत ने पहले जनवरी 2023 और सितंबर 2024 में पाकिस्तान को इस ट्रीटी की समीक्षा और संशोधन के लिए नोटिस भेजे थे। लेकिन पाकिस्तान ने तब तक कोई स्पष्ट सहमति नहीं जताई थी। केवल पहलगाम हमले के बाद भारत ने ट्रीटी निलंबित की और तभी पाकिस्तान ने बातचीत की इच्छा जाहिर की।
भारत की चिट्ठी में साफ शब्द
भारत की ओर से 24 अप्रैल को पाकिस्तान को लिखा गया पत्र इस पूरी स्थिति को स्पष्ट करता है। इसमें बताया गया कि पाकिस्तान की सीमा पार आतंकवाद की वजह से भारत अपने अधिकारों का पूरा उपयोग नहीं कर पा रहा। भारत ने कहा कि पाकिस्तान की मंशा साफ नहीं है इसलिए भारत ने तुरंत प्रभाव से इस समझौते को निलंबित करने का निर्णय लिया।
शांति की आस और कड़ी चेतावनी
सैन्य संघर्ष के बाद दोनों देशों ने 10 मई से युद्धविराम पर सहमति जताई है। भारत ने स्पष्ट कर दिया है कि जब तक पाकिस्तान सीमा पार आतंकवाद का समर्थन बंद नहीं करता तब तक यह ट्रीटी निलंबित रहेगी। विदेश मंत्रालय ने कहा कि “जल और खून साथ नहीं बह सकते”। भारत की नीति कड़ी और स्पष्ट है।