India Drone weapons: भारत के ड्रोन मिशन में बड़ा धमाका! निवेश होगा तीन गुना, आने वाले 24 महीनों में भारत दिखाएगा असली ताकत

India Drone weapons: हाल ही में हुए संघर्ष में ड्रोन के बड़े पैमाने पर इस्तेमाल के बाद भारत और पाकिस्तान दोनों ने ड्रोन हथियारों की दौड़ में कदम रख दिया है। पाकिस्तान जहां चीन और तुर्की पर निर्भर है वहीं भारत ने घरेलू उद्योग में निवेश करने का फैसला लिया है जिससे देश में अपनी क्षमताओं को मजबूत किया जा सके।
घरेलू ड्रोन उत्पादन में बड़ी छलांग
भारत अगले एक से दो सालों में घरेलू ड्रोन उत्पादन बढ़ाने के लिए करीब चार हजार करोड़ रुपये यानी लगभग 470 मिलियन डॉलर का निवेश कर सकता है जो पहले के ऑपरेशन सिंदूर की तुलना में तीन गुना ज्यादा है। ड्रोन फेडरेशन इंडिया के स्मित शाह के मुताबिक अगले 12 से 24 महीनों में भारत भारी खर्च कर सकता है।
तेजी से हो रही है खरीद प्रक्रिया
भारत ने इस महीने 4.6 बिलियन डॉलर की इमरजेंसी सैन्य खरीद को मंजूरी दी है जिसमें से कुछ रकम लड़ाकू और निगरानी ड्रोन पर खर्च की जा सकती है। आइडिया फोर्ज टेक्नोलॉजी के विशाल सक्सेना के अनुसार पहले डिफेंस खरीद में सालों लगते थे लेकिन अब अधिकारी तेजी से ड्रोन निर्माताओं को ट्रायल और डेमो के लिए बुला रहे हैं।
चीन पर निर्भरता बनी चुनौती
भारतीय ड्रोन निर्माताओं और अधिकारियों का कहना है कि एक बड़ी चुनौती यह है कि भारत अब भी कई अहम कंपोनेंट्स के लिए चीन पर निर्भर है। ड्रोन फेडरेशन इंडिया के शाह ने बताया कि यूएवी बैटरी के लिए चीन से बने मैग्नेट और लिथियम पर भारत की निर्भरता है जिसे खत्म करना मुश्किल है।
विदेशों में पाकिस्तान का भरोसा
पाकिस्तानी सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान अपने नेशनल एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलॉजी पार्क और तुर्की की रक्षा कंपनी बेकार के साथ मिलकर यीहा-3 ड्रोन का स्थानीय असेंबली करता है। इस बीच भारत में दो सीटों वाला इलेक्ट्रिक ट्रेनिंग विमान ई-हंस भी विकसित किया जा रहा है जिसकी लागत केवल दो करोड़ रुपये होगी जो विदेशी विमानों से काफी कम है।