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“मुझे पद नहीं, आवाज मिली है” – D K Shivakumar ने खोले कांग्रेस के भीतर के राज

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री DK Shivakumar ने शुक्रवार को एक कार्यक्रम में कांग्रेस पार्टी की विचारधारा और योगदान पर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह मायने नहीं रखता कि कांग्रेस ने उन्हें कौन-सा पद दिया बल्कि यह महत्वपूर्ण है कि पार्टी ने उन्हें बोलने की आज़ादी और अभिव्यक्ति की ताकत दी। शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस ने नेताओं को वह मंच और सम्मान दिया है जो अन्य किसी दल में नहीं मिलता। 

“भारत का इतिहास मिटाया नहीं जा सकता”

इस कार्यक्रम में कांग्रेस के नए नेताओं के स्वागत के अवसर पर शिवकुमार ने गांधी-नेहरू परिवार के बलिदानों को याद किया। उन्होंने कहा कि देश की आज़ादी और संविधान निर्माण में कांग्रेस का योगदान अमूल्य रहा है। “गांधीजी, इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने देश की एकता और अखंडता के लिए अपने प्राण तक न्योछावर किए। क्या भारत का इतिहास मिटाया जा सकता है?” – शिवकुमार ने ये सवाल उठाकर भावनात्मक लहर पैदा कर दी।

"मुझे पद नहीं, आवाज मिली है" – D K Shivakumar ने खोले कांग्रेस के भीतर के राज

“सोनिया गांधी ने सत्ता नहीं, सिद्धांत चुना”

डीके शिवकुमार ने सोनिया गांधी की भूमिका का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि जब यूपीए सत्ता में आई थी, तो सोनिया गांधी को प्रधानमंत्री बनने का प्रस्ताव मिला था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया। “एक ईसाई महिला ने हमारे संविधान को अपनाया और देश को घर माना, और एक सिख अर्थशास्त्री को प्रधानमंत्री बनाया। यह कोई और दल नहीं कर सकता, केवल कांग्रेस की यही विरासत है,” उन्होंने कहा।

मुख्यमंत्री पद की अटकलों पर भी दिया जवाब

इस पूरे बयान का समय भी खास था क्योंकि हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने स्पष्ट कर दिया था कि मुख्यमंत्री पद में कोई बदलाव नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वे अपना कार्यकाल पूरा करेंगे और नेतृत्व परिवर्तन की कोई गुंजाइश नहीं है। इस संदर्भ में शिवकुमार के इस बयान को एक संकेत माना जा रहा है कि वे फिलहाल पद नहीं बल्कि पार्टी के विचारों को प्राथमिकता दे रहे हैं।

“हम भी हिंदू हैं, पर इंसानियत सबसे बड़ी है”

बीजेपी के हिंदू एजेंडे पर निशाना साधते हुए डीके शिवकुमार ने कहा कि हम भी शिव, राम और गणेश की पूजा करते हैं, लेकिन हमारी पार्टी सबको साथ लेकर चलने वाली पार्टी है। उन्होंने कहा कि बीजेपी केवल हिंदुओं की बात करती है, बाकी समुदायों को भूल जाती है, जबकि कांग्रेस मानवता और समावेश की बात करती है।

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