उत्तराखंड में मूसलधार बारिश से हाहाकार, मौसम विभाग का रेड अलर्ट, केदारनाथ यात्रा 14 अगस्त तक स्थगित

उत्तराखंड में मानसून का कहर जारी है। कहीं भारी बारिश से नदियां और नाले उफान पर हैं, तो कहीं बादल फटने से लोगों की जान पर बन आई है। मौसम विभाग ने आज के लिए भारी बारिश का रेड अलर्ट जारी किया है और लोगों से अपील की है कि वे बिना जरूरत घर से बाहर न निकलें। मौसम के इस बिगड़े मिजाज को देखते हुए रुद्रप्रयाग जिला प्रशासन ने केदारनाथ यात्रा को अगले तीन दिनों के लिए यानी 14 अगस्त तक स्थगित करने का निर्णय लिया है। यह कदम यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
रुद्रप्रयाग डीएम ने दी जानकारी
रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने बताया कि मौसम विज्ञान केंद्र देहरादून ने 12, 13 और 14 अगस्त को रुद्रप्रयाग समेत पूरे उत्तराखंड में भारी बारिश की आशंका जताई है। इस चेतावनी को देखते हुए केदारनाथ धाम की यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। उन्होंने कहा, “यात्रियों की सुरक्षा हमारी प्राथमिकता है, इसलिए मौसम सामान्य होने तक यह निर्णय लागू रहेगा।” प्रशासन ने सभी तीर्थयात्रियों से अपील की है कि वे इस अवधि में यात्रा पर जाने से बचें और पहले से मौजूद तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने के निर्देश दिए गए हैं।
आपदा प्रबंधन के तहत तैयारी
डीएम ने बताया कि राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के निर्देशानुसार सभी संबंधित विभागों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। संभावित ‘डेंजर ज़ोन’ में JCB और पोकलैंड मशीनें 24 घंटे तैनात की गई हैं, ताकि यदि राष्ट्रीय राजमार्ग कहीं से अवरुद्ध हो, तो तुरंत रास्ता खोला जा सके। इसके साथ ही चेतावनी प्रणाली (वार्निंग सिस्टम) का परीक्षण भी किया गया है, जिससे आपात स्थिति में लोगों को समय पर सतर्क किया जा सके। जिला प्रशासन लगातार नदियों के जलस्तर पर नज़र रख रहा है।
नदी किनारे रहने वालों के लिए चेतावनी
भारी बारिश से नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है, ऐसे में नदी किनारे रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की गई है। प्रशासन ने कहा है कि जलभराव, भूस्खलन और सड़क अवरोध जैसी स्थितियों में त्वरित कार्रवाई के लिए सभी टीमें तैयार हैं। रुद्रप्रयाग प्रशासन ने आम नागरिकों और यात्रियों दोनों को चेताया है कि वे मौसम विभाग की चेतावनी को हल्के में न लें और अनावश्यक रूप से यात्रा न करें। अधिकारियों का मानना है कि सावधानी और सतर्कता ही इस समय जनहानि और संपत्ति के नुकसान को रोकने का सबसे प्रभावी तरीका है।