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सोते-सोते हिली धरती! अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग में महसूस हुआ 3.2 तीव्रता का भूकंप

भारत के उत्तर-पूर्वी राज्य अरुणाचल प्रदेश में सोमवार तड़के भूकंप के झटके महसूस किए गए। यह भूकंप ऊपरी सियांग (Upper Siang) क्षेत्र में दर्ज किया गया। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार भूकंप सुबह 3:01 बजे आया जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.2 मापी गई। भूकंप का केंद्र जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर था। इसका केंद्र बिंदु अक्षांश 29.06 और देशांतर 94.45 पर स्थित रहा। राहत की बात यह रही कि इस भूकंप से अब तक किसी तरह के नुकसान या जनहानि की सूचना नहीं है।

गुजरात के कच्छ में भी धरती हिली, महसूस हुआ 3.1 तीव्रता का झटका

अरुणाचल प्रदेश से पहले रविवार को गुजरात के कच्छ जिले में भी धरती हिली। यहां दो बार हल्के भूकंप दर्ज किए गए। पहला भूकंप सुबह 6:41 बजे 2.6 तीव्रता का था, जिसका केंद्र धोला वीरा से 24 किलोमीटर पूर्व-दक्षिणपूर्व दिशा में था। वहीं दूसरा झटका दोपहर 12:41 बजे आया, जिसकी तीव्रता रिक्टर पैमाने पर 3.1 मापी गई और इसका केंद्र भचाउ से 12 किलोमीटर उत्तर-पूर्व दिशा में रहा। इन झटकों से किसी प्रकार की क्षति की खबर नहीं है।

आपदा प्रबंधन विभाग की रिपोर्ट

कच्छ जिले के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी ने पुष्टि की कि अब तक किसी भी क्षेत्र से जान-माल के नुकसान की सूचना नहीं मिली है। कच्छ क्षेत्र को भूकंपीय दृष्टि से “अत्यधिक जोखिम वाला क्षेत्र” माना जाता है, जहां समय-समय पर हल्के भूकंप आते रहते हैं। स्थानीय प्रशासन लगातार स्थिति पर नजर बनाए हुए है और लोगों से अपील की गई है कि वे अफवाहों से बचें तथा सतर्क रहें।

2001 कच्छ भूकंप की भयावह यादें

गौरतलब है कि कच्छ जिले का इतिहास विनाशकारी भूकंपों से जुड़ा रहा है। वर्ष 2001 में कच्छ में आए भूकंप को भारत के पिछले दो शताब्दियों का तीसरा सबसे बड़ा और दूसरा सबसे विनाशकारी भूकंप माना जाता है। इस त्रासदी में लगभग 13,800 लोगों की मौत हुई थी और करीब 1.67 लाख लोग घायल हुए थे। उस समय कई कस्बे और गांव पूरी तरह तबाह हो गए थे। यही कारण है कि हर नए भूकंप के झटके लोगों को उस भयावह आपदा की याद दिला देते हैं। हालांकि, हालिया झटके कम तीव्रता के रहे और किसी प्रकार की तबाही की खबर नहीं है।

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