दिलीप जायसवाल ने विधायकों को दिया निर्देश, चुनाव जीतने पर जनता को करना होगा धन्यवाद

बिहार विधानसभा चुनाव पूरी तरह समाप्त हो गए हैं और एनडीए समर्थक तथा नेता इस बड़ी जीत का जश्न मना रहे हैं। चुनाव परिणाम आने के दो दिन बाद अब चर्चा है कि कब नई सरकार बनेगी और बिहार के मुख्यमंत्री तथा उप मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण कब होगा। इस सवालों के जवाब बिहार भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने दिए हैं। उन्होंने कहा कि सरकार गठन की प्रक्रिया थोड़ी समय ले सकती है क्योंकि सभी पहलुओं पर विचार किया जा रहा है।
दिलीप जायसवाल का विधायक परिवार से आग्रह
दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट किया कि सभी चुने गए विधायकों को अपने-अपने क्षेत्र के मतदाताओं का धन्यवाद करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद विधायक जनता को धन्यवाद देने के लिए बुलाए जाएंगे। इसके बाद एक विधायी दल की बैठक होगी जिसमें सरकार गठन की अंतिम रूपरेखा तैयार की जाएगी। यह प्रक्रिया पूरी होने में कुछ वक्त लग सकता है लेकिन जल्द ही सब कुछ तय हो जाएगा।

मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री की शपथ स्थल पर जारी है संशय
हालांकि बिहार के अगले मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री के नाम अभी घोषित नहीं हुए हैं, और यह भी स्पष्ट नहीं है कि शपथ ग्रहण समारोह गांधी मैदान में होगा या किसी अन्य स्थान पर। दिलीप जायसवाल ने कहा कि शपथ ग्रहण की जगह और तारीख की घोषणा कल शाम को की जाएगी। फिलहाल पार्टी संगठन और नेताओं के बीच इस विषय पर विचार-विमर्श जारी है।
लालू परिवार के टूटने को लेकर दिलीप जायसवाल की अपील
राजनीतिक परिदृश्य में बड़े विवादों के बीच, दिलीप जायसवाल ने RJD के प्रमुख परिवार के टूटने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि रोहिणी आचार्य के साथ जो व्यवहार हुआ है, वह अत्यंत शर्मनाक है। रोहिणी ने अपने पिता की जान बचाने के लिए अपना किडनी दान दिया था लेकिन उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया गया। दिलीप जायसवाल ने सम्मानपूर्वक लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी से अपील की कि वे अपने परिवार को टूटने से बचाएं।
रोहिणी आचार्य को अपमानित करने का मामला
दिलीप जायसवाल ने स्पष्ट कहा कि बाहर से कोई यह कहे कि रोहिणी आचार्य को चप्पल से निकाला गया, यह बेहद शर्मनाक और अस्वीकार्य है। उन्होंने लालू परिवार से आग्रह किया कि वे इस मामले को सुलझाएं और परिवार में फैली दरार को खत्म करें। यह अपमान केवल रोहिणी ही नहीं बल्कि पूरे परिवार के लिए कष्टदायक है। इस मुद्दे ने बिहार की राजनीति में एक नया तनाव पैदा कर दिया है।
