साइबर सुरक्षा सख्त, DoT ने जारी किए नए नियम, जानिए कैसे बदल जाएगा मैसेजिंग ऐप्स का चलन

केंद्र सरकार ने हाल ही में साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए नई दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन नियमों के तहत अब व्हाट्सएप, सिग्नल, टेलीग्राम जैसे सभी ऐप आधारित मैसेजिंग सर्विस तभी काम करेंगी जब मोबाइल में सक्रिय सिम कार्ड होगा। यह कदम साइबर अपराधों को रोकने के लिए उठाया गया है ताकि ऐप्स बिना सिम के वाई-फाई से चलने की सुविधा का दुरुपयोग न हो सके। अब कंपनियों को 120 दिनों के भीतर टेलीकॉम विभाग को अनुपालन रिपोर्ट भी जमा करनी होगी।
सिम के बिना चलती ऐप्स का खतरा
पहले ऐसा होता था कि मोबाइल से सिम कार्ड निकालने के बाद भी अगर फोन वाई-फाई से जुड़ा रहता था तो व्हाट्सएप और अन्य मैसेजिंग ऐप बिना किसी बाधा के चलती रहती थीं। इससे साइबर अपराधियों के लिए एक आसान रास्ता खुल गया था। वे सिम कार्ड बदलने या निष्क्रिय करने के बाद भी ऐप्स के जरिए लोगों को टारगेट कर पाते थे। ऐसे अपराधी भारत के बाहर से भी काम कर रहे थे और बिना सक्रिय सिम के ऐप्स के जरिए अपनी पहचान छुपा लेते थे। इसी कारण सरकार ने इस खतरे को ध्यान में रखकर नए नियम लागू किए।

डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम का सख्त अलर्ट
टेलीकॉम विभाग ने साफ चेतावनी दी है कि नए नियमों का पालन न करने पर टेलीकॉम एक्ट 2023, साइबर सुरक्षा नियमों और अन्य कानूनों के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी। इस दिशा-निर्देश का प्रभाव देश में उपयोग होने वाले सभी मैसेजिंग ऐप्स जैसे व्हाट्सएप, टेलीग्राम, सिग्नल, अरत्तई, स्नैपचैट, शेयरचैट, जियोचैट, जोश आदि पर पड़ेगा। अब इन ऐप्स को तभी इस्तेमाल किया जा सकेगा जब मोबाइल डिवाइस में सक्रिय सिम मौजूद हो।
साइबर अपराध रोकने के लिए जरूरी था यह कदम
टेलीकॉम विभाग ने 28 नवंबर को जारी निर्देश में बताया कि कई ऐप्स मोबाइल नंबर के जरिए यूजर की पहचान करते हैं, लेकिन सक्रिय सिम के बिना भी ऐप काम कर रही थीं। यह loophole साइबर अपराधियों के लिए अवसर बन गया था। वे बिना किसी पहचान के चैटिंग जारी रखकर गलत काम कर सकते थे। इसलिए पुराने नियमों को कड़ा करना जरूरी हो गया था ताकि अपराधियों को ट्रेस किया जा सके और आम लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित हो।
नए नियम से बढ़ेगा डिजिटल सुरक्षा का दायरा
इन नियमों के लागू होने से भारत में डिजिटल और साइबर सुरक्षा मजबूत होगी। यूजर्स की पहचान और डिवाइस की सत्यता सुनिश्चित होने से साइबर अपराधी अपना असली चेहरा छुपा नहीं पाएंगे। साथ ही, ऐप प्रदाता कंपनियों को भी नियमों का पालन करना होगा और वे अनुपालन रिपोर्ट के जरिए सरकार को हर कदम की जानकारी देंगी। यह नया नियम साइबर सुरक्षा के लिहाज से देश के लिए बड़ा कदम है जो यूजर्स को सुरक्षित डिजिटल अनुभव प्रदान करेगा।
