देश

क्रिकेटर Mohammed Shami को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, पत्नी-बेटी के लिए भारी भरकम भत्ता तय

भारतीय क्रिकेटर Mohammed Shami को उनकी पत्नी हसीन जहां के साथ चल रहे कानूनी विवाद में बड़ा झटका लगा है। कोलकाता हाईकोर्ट ने मंगलवार को एक अहम फैसला सुनाते हुए आदेश दिया कि शमी को हर महीने अपनी पत्नी और बेटी को 4 लाख रुपये भरण-पोषण के रूप में देने होंगे। अदालत ने यह फैसला हसीन जहां की अपील पर सुनाया जो उन्होंने सेशन कोर्ट के पुराने आदेश के खिलाफ की थी।

पुराने फैसले को चुनौती देने पर आया नया आदेश

इससे पहले सेशन कोर्ट ने साल 2023 में शमी को आदेश दिया था कि वह अपनी पत्नी को ₹50,000 और बेटी को ₹80,000 प्रति माह दें। लेकिन हसीन जहां ने इस आदेश को नाकाफी बताते हुए हाईकोर्ट का रुख किया और अधिक राशि की मांग की। हाईकोर्ट के जज अजय कुमार मुखर्जी ने मामले की सुनवाई करते हुए नई रकम तय की जिसमें पत्नी के लिए ₹1.5 लाख और बेटी के लिए ₹2.5 लाख प्रति माह देना अनिवार्य किया गया।

क्रिकेटर Mohammed Shami को हाईकोर्ट से बड़ा झटका, पत्नी-बेटी के लिए भारी भरकम भत्ता तय

 बेटी की पढ़ाई में अतिरिक्त मदद की छूट

हाईकोर्ट ने अपने आदेश में यह भी स्पष्ट किया कि मोहम्मद शमी यदि चाहें तो बेटी की पढ़ाई और अन्य जरूरी खर्चों में इस तय राशि से अतिरिक्त मदद दे सकते हैं। जज ने कहा कि मां और बेटी की आर्थिक स्थिरता के लिए यह फैसला उचित और न्यायसंगत है। इस आदेश से साफ है कि अदालत बच्चों की भलाई को प्राथमिकता दे रही है, साथ ही दोनों पक्षों के हितों का संतुलन बनाए रखने की कोशिश कर रही है।

 क्या है शमी-हसीन विवाद की असली जड़

शमी और हसीन जहां के बीच विवाद मार्च 2018 में सामने आया जब हसीन ने शमी पर घरेलू हिंसा, महिलाओं से अवैध संबंध और मैच फिक्सिंग जैसे गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने पुलिस में शिकायत भी दर्ज कराई थी। हालांकि, अब तक इन आरोपों को लेकर कोई ठोस सबूत सामने नहीं आया है। शमी ने इन सभी आरोपों को साजिश करार दिया और खुद को निर्दोष बताया। तब से दोनों अलग रह रहे हैं और तलाक की प्रक्रिया अदालत में चल रही है।

कानूनी लड़ाई लंबी, लेकिन असर तगड़ा

इस मामले में अभी अंतिम फैसला नहीं आया है क्योंकि तलाक और अन्य याचिकाएं लंबित हैं। लेकिन हाईकोर्ट का यह अंतरिम आदेश न केवल शमी पर आर्थिक दबाव बनाएगा बल्कि यह संदेश भी देगा कि हाई-प्रोफाइल मामलों में भी अदालत पारिवारिक न्याय के सिद्धांतों को प्राथमिकता देती है। अब देखना यह होगा कि शमी इस फैसले को चुनौती देंगे या इसे स्वीकार करेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button