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Chandigarh Grenade Blast: ISI के इशारे पर हुआ था ब्लास्ट, NIA चार्जशीट में बड़ा दावा

Chandigarh Grenade Blast: चंडीगढ़ के सेक्टर-10 स्थित एक बंगले में 10 सितंबर को हुए ग्रेनेड हमले को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने विशेष अदालत में चार्जशीट दाखिल की है। चार्जशीट में बड़े खुलासे हुए हैं, जिससे इस हमले के पीछे पाकिस्तान और अमेरिका में बैठे आतंकियों का गठजोड़ उजागर हुआ है।

चार्जशीट के मुताबिक, हमले में इस्तेमाल किया गया ग्रेनेड पाकिस्तान निर्मित HG-84 था। इस हमले को पाकिस्तान स्थित आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा और अमेरिका में मौजूद गैंगस्टर से आतंकी बने हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी पसिया के इशारे पर अंजाम दिया गया। इस हमले में इस्तेमाल किए गए ग्रेनेड को पाकिस्तान से पंजाब के रास्ते ड्रोन द्वारा चंडीगढ़ भेजा गया था।

हमले की साजिश और ISI का हाथ

NIA की जांच में सामने आया है कि इस हमले की साजिश ISI के सहयोग से रची गई थी। पाकिस्तान स्थित आतंकी रिंदा ने इस हमले की पूरी योजना बनाई थी, जबकि अमेरिका में बैठे गैंगस्टर-आतंकी हैप्पी पसिया ने आर्थिक और लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया था।

चार्जशीट में दावा किया गया है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने इस हमले में सक्रिय भूमिका निभाई थी। हमले के लिए हथियार और गोला-बारूद पाकिस्तान से पंजाब में ड्रोन के जरिए पहुंचाया गया था, जिसे बाद में हमलावरों तक सप्लाई किया गया।

Chandigarh Grenade Blast: ISI के इशारे पर हुआ था ब्लास्ट, NIA चार्जशीट में बड़ा दावा

ऑटो में आए हमलावरों ने फेंका ग्रेनेड

घटना के चश्मदीदों के अनुसार, हमले के दिन दो हमलावर ऑटो में आए थे। उन्होंने बंगले के बाहर खड़े होकर हैंड ग्रेनेड फेंक दिया, जिससे बंगले में जबरदस्त विस्फोट हुआ। इसके बाद दोनों हमलावर मौके से फरार हो गए।

हमले के बाद चंडीगढ़ पुलिस ने एक मुख्य आरोपी को गिरफ्तार किया था, जिसकी पहचान रोहन मसीह के रूप में हुई। वह अमृतसर के पासिया गांव का निवासी है। पुलिस ने रोहन के पास से 9mm Glock पिस्टल और गोला-बारूद भी बरामद किया था।

ISI के इशारे पर ग्रेनेड की सप्लाई

पंजाब पुलिस के अनुसार, यह ग्रेनेड पाकिस्तान स्थित आतंकी रिंदा के निर्देश पर ISI के सहयोग से ड्रोन द्वारा पंजाब भेजा गया था। ड्रोन के जरिए हथियारों की सप्लाई की बात पहले भी कई आतंकी घटनाओं में सामने आ चुकी है।

पुलिस का मानना है कि रोहन मसीह को आतंकी रिंदा और हैप्पी पसिया ने निर्देश देकर इस हमले को अंजाम दिलवाया था।

NIA का चार्जशीट में दावा

NIA ने चार्जशीट में पाकिस्तान स्थित आतंकी हरविंदर सिंह रिंदा और अमेरिका में रह रहे गैंगस्टर हैप्पी पसिया को मुख्य आरोपी बनाया है। चार्जशीट के मुताबिक, रिंदा पाकिस्तान में ISI के संरक्षण में रहकर भारत में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

वहीं, हैप्पी पसिया अमेरिका से आतंकियों को आर्थिक और लॉजिस्टिक सपोर्ट दे रहा है। एनआईए ने चार्जशीट में दावा किया है कि इस हमले के पीछे ISI का सीधा हाथ था और इसका उद्देश्य भारत में अस्थिरता फैलाना था।

हमले में इस्तेमाल ग्रेनेड: HG-84

NIA की जांच में यह खुलासा हुआ है कि हमले में इस्तेमाल किया गया HG-84 ग्रेनेड पाकिस्तान निर्मित है। यह सैन्य स्तर का ग्रेनेड है, जिसे मुख्य रूप से सेना और आतंकियों द्वारा उपयोग किया जाता है।

HG-84 ग्रेनेड में जबरदस्त विस्फोटक क्षमता होती है, जिससे जान-माल का बड़ा नुकसान हो सकता है। इसकी खेप को पंजाब में ड्रोन के जरिए गिराया गया था और फिर इसे चंडीगढ़ तक पहुंचाया गया।

गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई

इस मामले में अब तक एक आरोपी रोहन मसीह को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने उसके पास से 9mm Glock पिस्टल और कारतूस बरामद किए हैं। पुलिस का कहना है कि हमले में शामिल दूसरे आरोपी की तलाश जारी है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पंजाब और हरियाणा में छापेमारी की जा रही है।

पाकिस्तान-आतंकी गठजोड़ पर NIA का शिकंजा

एनआईए ने चार्जशीट में यह भी खुलासा किया है कि पाकिस्तान और अमेरिका में बैठे आतंकियों का सीधा कनेक्शन था। दोनों आतंकियों ने हमले को सफल बनाने के लिए स्थानीय गैंगस्टरों की मदद ली थी।

इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ में सुरक्षा कड़ी कर दी है। पुलिस और खुफिया एजेंसियां ISI के नेटवर्क और ड्रोन मॉड्यूल को लेकर सतर्क हो गई हैं।

अगली सुनवाई 15 अप्रैल को

एनआईए ने विशेष अदालत में चार्जशीट दायर कर दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 15 अप्रैल को होगी, जिसमें अन्य सबूत पेश किए जाएंगे। एनआईए इस मामले में और गिरफ्तारियां भी कर सकती है।

चंडीगढ़ सेक्टर-10 ग्रेनेड हमले में पाकिस्तान के आतंकी संगठनों और ISI का गहरा कनेक्शन सामने आया है। इस हमले में अमेरिका में मौजूद गैंगस्टर-आतंकी का भी हाथ है। एनआईए की चार्जशीट से यह स्पष्ट हो गया है कि इस हमले के पीछे पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी का इशारा था, जिसका मकसद भारत में दहशत फैलाना था।

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