Aadhar card नियम तोड़ना पड़ सकता है महंगा, झूठी जानकारी देने पर 3 साल तक जेल या ₹10,000 का जुर्माना

आज के समय में Aadhar card हर भारतीय के लिए एक अनिवार्य पहचान पत्र बन चुका है। चाहे बैंकिंग सेवाओं के लिए हो, मोबाइल सिम लेने के लिए हो, सरकारी योजनाओं का लाभ उठाने के लिए हो या स्कूल-कॉलेज में नामांकन के लिए, हर जगह आधार कार्ड की जरूरत होती है। यही कारण है कि हर भारतीय नागरिक के पास अपना आधार कार्ड होना आवश्यक है।
गलत जानकारी देना अपराध है
आधार कार्ड बनवाते समय यदि कोई व्यक्ति UIDAI को गलत जानकारी देता है तो यह गंभीर अपराध माना जाता है। ऐसा करने पर व्यक्ति को तीन साल तक की जेल या ₹10,000 तक जुर्माने की सजा हो सकती है। इसलिए आधार बनवाते समय सभी दस्तावेज और जानकारी पूरी ईमानदारी से दें।

किसी और के आधार में बदलाव करना अपराध
किसी अन्य व्यक्ति के आधार कार्ड में बदलाव करना या उनकी पहचान के साथ छेड़छाड़ करना कानूनन अपराध है। इसके लिए भी तीन साल तक की जेल और ₹10,000 तक का जुर्माना हो सकता है। इसलिए कभी भी बिना अनुमति किसी और के आधार कार्ड में बदलाव न करें। ऐसा करने से गंभीर कानूनी परेशानी हो सकती है।
डेटा लीक करना महंगा साबित हो सकता है
कुछ लोग बिना UIDAI की मंजूरी के आधार संबंधित एजेंसियां खोलकर लोगों की निजी जानकारी एकत्र करते हैं। यह कानून के खिलाफ है। इसके लिए तीन साल तक जेल और ₹10,000 का जुर्माना हो सकता है। यदि कोई कंपनी ऐसा करती है तो उस पर ₹1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। किसी और की निजी जानकारी लीक करना या अनजान व्यक्ति को देना भी अपराध है और इसके लिए जेल और जुर्माना लगाया जा सकता है।
आधार सेंटर में चोरी: सबसे गंभीर अपराध
यदि कोई आधार सेंटर में हैकिंग करता है या डेटा चोरी करने का प्रयास करता है, तो इसे सबसे गंभीर अपराध माना जाता है। इसके लिए 10 साल तक की जेल और ₹10,000 से ₹10 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। इसीलिए आधार से जुड़ी सभी जानकारी की सुरक्षा अत्यंत आवश्यक है और नियमों का पालन करना हर नागरिक का दायित्व है।
