BITS के छात्रों ने बनाई बम गिराने वाली ड्रोन, भारतीय सेना ने खरीदी, दुनिया में मचाई सनसनी

भारत में प्रतिभा की कोई कमी नहीं है। देश ने रक्षा समेत हर क्षेत्र में अपने तकनीकी कौशल को दुनिया के सामने साबित किया है। इसी कड़ी में हैदराबाद से एक ऐसा उदाहरण सामने आया है, जिसने पूरी रक्षा व्यवस्था को चौंका दिया है। यहां बीआईटीएस पिलानी के दो 20 वर्षीय छात्र अपने हॉस्टल के कमरे में एक कमिकाज़ ड्रोन (बम गिराने वाला ड्रोन) बना चुके हैं। इस ड्रोन की गुणवत्ता इतनी उन्नत है कि भारतीय सेना ने भी इसे खरीद लिया है। यह साबित करता है कि भारत में युवा न केवल प्रतिभाशाली हैं, बल्कि वे देश की रक्षा में भी क्रांतिकारी योगदान दे रहे हैं।
दो इंजीनियरिंग छात्रों की मेहनत से रक्षा क्षेत्र में आया बदलाव
यह कमाल बीआईटीएस पिलानी के दो इंजीनियरिंग छात्रों ने किया है। जयंत खत्री, जो कि अजमेर के निवासी हैं, मैकेनिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं, जबकि शौर्य चौधरी, कोलकाता से हैं और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग पढ़ रहे हैं। दोनों ने मिलकर अपनी कंपनी ‘एपोलॉन डायनेमिक्स’ की स्थापना की और महज दो महीनों के भीतर कमिकाज़ ड्रोन तैयार कर दिया। इस ड्रोन को उन्होंने भारतीय सेना के जम्मू, चंडीमंडीड़ (हरियाणा), पनागढ़ (बंगाल) और अरुणाचल प्रदेश में तैनात सेनाओं को सप्लाई किया। इस अनोखे स्टार्टअप ने देश की रक्षा क्षमता को बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है और भारत की ड्रोन आयात निर्भरता को कम करने का लक्ष्य रखा है।
सेना के अधिकारियों को दी लाइव डेमो, तुरंत मिले ऑर्डर
जयंत और शौर्य ने अपने बनाए ड्रोन की पूरी प्रणाली विकसित की और सेना के अधिकारियों को लिंक्डइन के माध्यम से संपर्क किया। इसके बाद उन्हें चंडीगढ़ बुलाया गया, जहां उन्होंने बम गिराने और ड्रोन रेसिंग की लाइव डेमो दी। यह डेमो सेना अधिकारियों और कई रेजिमेंट के सामने किया गया। डेमो के बाद उनकी तकनीक और ड्रोन की क्षमताओं को देखकर सेना के अधिकारी काफी प्रभावित हुए और तुरंत उन्हें ऑर्डर देना शुरू कर दिया। इस प्रकार, छात्रों की मेहनत और नवाचार ने रक्षा विभाग में एक नई उम्मीद जगाई है।
कमिकाज़ ड्रोन की खासियतें और तकनीकी उन्नति
इन छात्रों द्वारा बनाए गए कमिकाज़ ड्रोन की गति 300 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक है, जो सामान्य वाणिज्यिक ड्रोन की तुलना में पांच गुना तेज है। यह ड्रोन 1 किलो तक का पेलोड बखूबी निशाने पर गिराने में सक्षम है, जिससे यह युद्धक्षेत्र में अत्यंत प्रभावी उपकरण साबित होता है। शौर्य चौधरी ने बताया कि उनका ड्रोन केवल तेज नहीं है, बल्कि इसे रडार पर पकड़ पाना भी नामुमकिन है। इसकी यह खासियत इसे दुश्मन के लिए एक खतरनाक हथियार बनाती है। इस प्रकार, युवा इंजीनियरों ने देश की तकनीकी शक्ति को बढ़ाने के साथ-साथ सुरक्षा क्षेत्र में भी नए मानक स्थापित किए हैं।