Supreme Court में बड़ी सुनवाई! 17 अक्टूबर को ऑनलाइन जुआ और बटिंग प्लेटफॉर्म्स पर लगे प्रतिबंध पर PIL होगी

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को उस जनहित याचिका (PIL) पर सुनवाई करने के लिए सहमति जताई है, जिसे सेंटर फॉर अकाउंटेबिलिटी एंड सिस्टमिक चेंज (CASC) ने दायर किया है। यह याचिका केंद्र सरकार से ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म्स को बंद करने का अनुरोध करती है, जो सोशल और ई-स्पोर्ट्स गेम्स के नाम पर संचालित हो रहे हैं।
गुरुवार को चीफ जस्टिस बी.आर. गवाई और जस्टिस के. विनोद चंद्रन की खंडपीठ ने CASC की ओर से पेश वकील विराट गुप्ता की दलीलों को सुना और इस PIL की सुनवाई 17 अक्टूबर को करने का निर्णय लिया। याचिका में केंद्र सरकार के संबंधित मंत्रालयों को निर्देश देने की मांग की गई है ताकि ऑनलाइन जुआ और सट्टेबाजी को सामाजिक और ई-स्पोर्ट्स गेम्स के बहाने से रोका जा सके।
मंत्रालयों और ऐप ऑपरेटर्स को याचिका में नामित किया गया
याचिका में छह प्रतिवादी शामिल हैं, जिनमें चार केंद्रीय मंत्रालय और प्रमुख ऐप स्टोर ऑपरेटर Apple Inc. और Google India Private Limited शामिल हैं। CASC की ओर से पूर्व उत्तर प्रदेश पुलिस महानिदेशक (DGP) विक्रम सिंह और शौर्य तिवारी कोर्ट में प्रस्तुत हुए और उन्होंने सरकार से यह निर्देश देने की मांग की कि जुआ और सट्टेबाजी ऐप्स के प्रसार पर तुरंत प्रतिबंध लगाया जाए।

याचिका का कहना है कि इन ऑनलाइन गेम्स के बहाने बड़े पैमाने पर जुआ और सट्टेबाजी हो रही है। इनमें शामिल ऐप्स अक्सर सोशल गेम्स और ई-स्पोर्ट्स के रूप में प्रस्तुत किए जाते हैं, जिससे आम जनता विशेषकर युवा वर्ग आसानी से इन प्लेटफॉर्म्स तक पहुँच जाते हैं।
कानूनों का समन्वय और नियंत्रण की मांग
याचिका में यह भी कहा गया है कि केंद्र सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय, सूचना और प्रसारण मंत्रालय, वित्त मंत्रालय और युवा एवं खेल मंत्रालय को निर्देश दिए जाने चाहिए कि वे ऑनलाइन गेमिंग के प्रचार और नियंत्रण से संबंधित 2025 के ऑनलाइन गेमिंग एक्ट और राज्य विधायिकाओं द्वारा बनाए गए कानूनों की समग्र व्याख्या करें।
CASC का तर्क है कि वर्तमान में नियमों का समन्वय नहीं होने के कारण जुआ और सट्टेबाजी की गतिविधियाँ लगातार बढ़ रही हैं। यदि कानूनों की स्पष्ट और संयुक्त व्याख्या की जाए, तो इन गतिविधियों पर नियंत्रण संभव है। याचिका में यह भी कहा गया है कि सरकारी प्रयासों की कमी और तकनीकी प्लेटफॉर्म्स का दुरुपयोग समाज और अर्थव्यवस्था दोनों पर नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है।
ऑनलाइन गेमिंग का समाज और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव
याचिका में यह चिंता जताई गई है कि भारत की लगभग आधी आबादी ऑनलाइन गेमिंग में सक्रिय है, जिससे न केवल युवाओं की मानसिक स्थिति पर असर पड़ रहा है बल्कि समाज और अर्थव्यवस्था पर भी गंभीर प्रभाव पड़ा है। जुआ और सट्टेबाजी की प्रवृत्तियों के कारण वित्तीय नुकसान, व्यसन और अपराध की संभावना बढ़ रही है।
CASC ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है कि सरकार को निर्देश दिए जाएं कि वे जुआ और सट्टेबाजी ऐप्स के प्रसार को रोकने के लिए कड़े कदम उठाएँ। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि यह कदम उठाए जाएं, तो ऑनलाइन गेमिंग के दुरुपयोग को रोका जा सकता है और समाज में व्यसन और वित्तीय नुकसान की समस्याओं को कम किया जा सकता है।
