AVPN ग्लोबल कॉन्फ्रेंस 2025: प्रीति अडानी का बड़ा संदेश, क्यों कहा– दान से आगे बढ़कर असली बदलाव करें

हांगकांग में आयोजित एवीपीएन ग्लोबल कॉन्फ्रेंस 2025 में अदाणी फाउंडेशन की चेयरपर्सन डॉ. प्रीति अडानी ने सामाजिक प्रभाव को कई गुना बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने परोपकारी संस्थाओं, कारोबारी संगठनों और बदलाव लाने वाले सभी लोगों से अपील की कि वे खुद को केवल दान तक सीमित न रखें, बल्कि मिलकर परिवर्तन की मजबूत नींव रखें। उनका कहना था कि आज जरूरत है सामूहिक प्रयासों की, ताकि समाज में स्थायी बदलाव लाया जा सके।
परोपकारी संगठनों से एकजुट होने की अपील
डॉ. अडानी ने कहा कि सामाजिक विकास की अगली बड़ी छलांग तभी संभव है जब सभी परोपकारी संगठन, एनजीओ और साझेदार एक साझा मंच पर आएं। यहां पर प्रयासों को जोड़ा जाए, अनुभवों को साझा किया जाए और प्रभाव को कई गुना बढ़ाया जाए। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वास्तविक परिवर्तन तभी संभव है जब सभी साझेदार बनकर संसाधनों का संचय करें और बिखराव को खत्म करें। उनके अनुसार, प्रभाव को केवल आंकड़ों से नहीं मापा जा सकता, बल्कि यह उन कहानियों से निर्धारित होता है जिनमें आशा, सशक्तिकरण और बदलाव छिपा होता है।
तीन मंत्र: बदलाव की ओर कदम
अपने संबोधन में डॉ. प्रीति अडानी ने सामाजिक प्रभाव बढ़ाने के लिए तीन महत्वपूर्ण सिद्धांत साझा किए:
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को-बिल्डिंग (Co-Building): हर साझेदार केवल दाता नहीं, बल्कि स्थायी बदलाव का निर्माता बने।
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मल्टीप्लायर्स, नॉट बेनिफिशियरीज़ (Multipliers, Not Beneficiaries): असली प्रभाव इस बात से तय होता है कि लाभार्थी खुद बदलाव के वाहक बनें।
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कौशल और मूल्यों का संगम (Uniting Skills with Values): केवल कौशल बिना मूल्यों के एक नींवहीन इमारत है। पीढ़ियाँ तभी बनती हैं जब कौशल और मूल्य एक साथ चलते हैं।
अब समय है प्रतिबद्धता का
अपने उद्बोधन के अंत में डॉ. अडानी ने कहा, “यह समय केवल तालियाँ बजाने का नहीं, बल्कि प्रतिबद्ध होने का है। हमें वही पीढ़ी बनना है जिसने सूखे में बीज बोए, बारिश से पहले विश्वास किया और सबके लिए गरिमा और अवसर की फसल उगाई।” उन्होंने सभी प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे प्रतीकात्मक कदमों से आगे बढ़ें, सक्रिय रूप से सहयोग करें, एक-दूसरे से सीखें, श्रेष्ठ अनुभव साझा करें और मिलकर समाज को नई ऊँचाइयों पर ले जाएँ।