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बेंगलुरु ट्रैफिक पर अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का मजेदार तंज, मंच पर बोली बात सुनकर हंसी से फट पड़ा पूरा हॉल

बेंगलुरु टेक समिट में इस बार सबसे ज्यादा चर्चा किसी तकनीकी घोषणा की नहीं बल्कि अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की मजेदार टिप्पणी की रही। उन्होंने मंच पर आते ही कहा कि यहां पहुंचने में उतना समय लगा जितना प्रोग्राम के तीन गुना से भी ज्यादा। यह सुनते ही पूरा हॉल ठहाकों से भर गया। उन्होंने आगे कहा कि आप लोग मेरी मेहनत और इस जगह तक पहुंचने की जद्दोजहद को जरूर देखें। उनकी यह हंसाने वाली बातें सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हो रही हैं।

बेंगलुरु ट्रैफिक की असलियत पर हुआ खुला मजाक

शुभांशु शुक्ला ने मुस्कुराते हुए बताया कि वे मराठाहल्ली से आए थे जो बेंगलुरु के एक छोर पर है। ट्रैफिक की वजह से उन्हें यहां पहुंचने में प्रेजेंटेशन के तीन गुना समय लगा। उन्होंने मजाक में कहा कि अगर कोई उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए तो यह ट्रैफिक ही उनका जवाब है। उनकी यह टिप्पणी शहर में रोजाना ट्रैफिक से जूझने वाले हजारों लोगों की हकीकत को भी उजागर करती है।

बेंगलुरु ट्रैफिक पर अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला का मजेदार तंज, मंच पर बोली बात सुनकर हंसी से फट पड़ा पूरा हॉल

मंत्री प्रियांक खड़गे का भरोसा भी आया सामने

शुभांशु शुक्ला की टिप्पणी के कुछ ही देर बाद आईटी मंत्री प्रियांक खड़गे भी मंच पर पहुंचे। उन्होंने भी बेंगलुरु के ट्रैफिक मुद्दे पर बात की और कहा कि शहर की व्यस्त लाइफ और तेजी से बढ़ती आईटी गतिविधियों के कारण ट्रैफिक चुनौती बन गया है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरकार लगातार सुधार की दिशा में कदम उठा रही है और आने वाले समय में राहत देखने को मिलेगी। यह बात सुनकर दर्शकों में उम्मीद की एक किरण भी दिखी।

कौन हैं अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला

शुभांशु शुक्ला सिर्फ अंतरिक्ष यात्री ही नहीं बल्कि भारतीय वायुसेना में ग्रुप कैप्टन भी हैं। वे गगनयान मिशन के लिए चयनित उन चार भारतीय अंतरिक्ष यात्रियों में शामिल हैं जिन पर पूरी दुनिया की नजर है। वे एक अत्यंत अनुभवी टेस्ट पायलट हैं और कई महत्वपूर्ण उड़ानों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुके हैं। उनका भारत के पहले मानव अंतरिक्ष मिशन से जुड़ना देश के लिए गर्व की बात है।

अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा भी कर चुके


इस वर्ष जुलाई में शुभांशु शुक्ला एक्सिओम मिशन 4 के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की यात्रा कर चुके हैं। इस मिशन में उनकी भूमिका को काफी सराहा गया। उनके अंतरिक्ष अनुभव और उनके सरल स्वभाव का प्रभाव इतना है कि जब वे बेंगलुरु में ट्रैफिक पर मजाक करते हैं तो लोग सिर्फ हंसते नहीं बल्कि उनसे जुड़ाव भी महसूस करते हैं। उनके शब्दों ने तकनीकी दुनिया की इस बड़ी मीटिंग को एक हल्का और यादगार पल दे दिया।

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