Air Conditioner Buying Guide: क्या 1.5 टन एसी वाकई बेहतर है? जानिए कैसे आपका बिल बढ़ा रहा है यह भ्रम

Air Conditioner Buying Guide: गर्मी में जब पारा चढ़ता है तो सबसे पहला ख्याल आता है एसी लगवाने का। लेकिन जैसे ही आप शोरूम में कदम रखते हैं एक सवालों की बारिश शुरू हो जाती है। 1 टन वाला लें या 1.5 टन वाला। ज़्यादातर लोग यही मानते हैं कि जितना ज़्यादा टन होगा उतनी ज़्यादा ठंडक मिलेगी। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यही सोच कई बार आपके बिजली बिल को बढ़ाने की वजह बन जाती है।
कूलिंग कैपेसिटी है असली खिलाड़ी
एसी का टन ही सब कुछ नहीं होता। असली बात होती है उसकी कूलिंग कैपेसिटी यानी वह कितनी तेजी और कितनी मात्रा में गर्मी को कमरे से हटा सकता है। इसे BTU या kW में मापा जाता है। जिस एसी की कूलिंग कैपेसिटी ज़्यादा होती है वह कम समय में कमरे को ठंडा कर देता है। वहीं कम कूलिंग कैपेसिटी वाला एसी ज़्यादा बिजली खपत करता है और कमरे को धीरे-धीरे ठंडा करता है।
स्टार रेटिंग और इन्वर्टर टेक्नोलॉजी का भी होता है असर
अगर आप बिजली की बचत चाहते हैं तो एसी खरीदते वक्त उसकी स्टार रेटिंग ज़रूर देखें। 5 स्टार एसी ज़्यादा महंगा होता है लेकिन बिजली की खपत कम करता है। 3 स्टार एक बैलेंस विकल्प होता है। 1 स्टार एसी सस्ता तो होता है लेकिन बिजली का बिल ज़्यादा आता है। इन्वर्टर एसी की बात करें तो यह कमरे के तापमान के अनुसार खुद को एडजस्ट करता है जिससे बिजली की बचत होती है और कूलिंग भी बनी रहती है।
इन्वर्टर बनाम नॉन-इन्वर्टर एसी में क्या फर्क है
इन्वर्टर एसी में कम्प्रेसर की स्पीड अपने आप कंट्रोल होती है जिससे यह बार-बार चालू और बंद नहीं होता। इससे बिजली की खपत कम होती है और कमरे में ठंडक लगातार बनी रहती है। दूसरी तरफ नॉन-इन्वर्टर एसी बार-बार ऑन-ऑफ होता है जिससे बिजली ज़्यादा लगती है और ठंडक में उतार-चढ़ाव आता है। इसलिए थोड़ी सी कीमत ज़्यादा देकर इन्वर्टर एसी लेना लंबे समय में फायदे का सौदा साबित होता है।
सही एसी चुनना है तो इन बातों का रखें ध्यान
सबसे पहले कमरे के साइज और उस पर पड़ने वाली धूप का ध्यान रखें। फिर एसी की कूलिंग कैपेसिटी यानी BTU या kW देखें। आवश्यकता के अनुसार ही टन चुनें न कि केवल ठंडक के भ्रम में। कोशिश करें कि एसी इन्वर्टर टेक्नोलॉजी वाला हो और उसकी कम से कम 3 स्टार रेटिंग हो। साथ ही उसका EER या ISEER भी देखें। यह जितना ज़्यादा होगा उतनी ज़्यादा होगी आपकी बचत।