अग्निवीरों के लिए सुनहरा मौका! BSF कांस्टेबल भर्ती में कोटा बढ़ाकर किया गया 50 प्रतिशत

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) भर्ती को लेकर एक अहम फैसला लिया है। नए संशोधन के तहत अब बीएसएफ कांस्टेबल भर्ती में पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित कोटा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत कर दिया गया है। इस संबंध में मंत्रालय ने आधिकारिक अधिसूचना जारी कर दी है। यह बदलाव सीमा सुरक्षा बल, जनरल ड्यूटी कैडर (नॉन-गजेटेड) भर्ती नियम, 2015 में संशोधन के माध्यम से किया गया है। इस फैसले को अग्निपथ योजना के तहत सेवा पूरी कर चुके युवाओं के लिए एक बड़ा अवसर माना जा रहा है, क्योंकि इससे उन्हें अर्धसैनिक बलों में स्थायी सेवा का मजबूत रास्ता मिलेगा।
आयु सीमा में भी मिलेगा विशेष लाभ
नई अधिसूचना के अनुसार, पूर्व अग्निवीरों को आयु सीमा में भी विशेष छूट दी जाएगी। पहले बैच के पूर्व अग्निवीरों को ऊपरी आयु सीमा में अधिकतम 5 वर्ष की छूट मिलेगी, जबकि अन्य पूर्व अग्निवीरों को 3 वर्ष की आयु छूट दी जाएगी। इससे वे युवा भी भर्ती प्रक्रिया में शामिल हो सकेंगे, जो सामान्य आयु सीमा के कारण अब तक आवेदन करने से वंचित रह जाते थे। सरकार का यह कदम यह सुनिश्चित करता है कि सैन्य प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके अनुशासित युवाओं की क्षमता और अनुभव का उपयोग देश की सीमा सुरक्षा में किया जा सके।
भर्ती प्रक्रिया दो चरणों में होगी
अधिसूचना के मुताबिक, बीएसएफ कांस्टेबल भर्ती प्रक्रिया दो चरणों में आयोजित की जाएगी। पहले चरण में पूर्व अग्निवीरों के लिए आरक्षित 50 प्रतिशत पदों पर भर्ती की जाएगी। यदि इस चरण में किसी श्रेणी के पद खाली रह जाते हैं, तो उन्हें दूसरे चरण में भरा जाएगा। दूसरे चरण में कर्मचारी चयन आयोग (SSC) के माध्यम से शेष 47 प्रतिशत पदों पर भर्ती की जाएगी, जिसमें 10 प्रतिशत कोटा पूर्व सैनिकों के लिए भी शामिल रहेगा। महिला उम्मीदवारों के लिए रिक्तियों की संख्या हर वर्ष बीएसएफ के महानिदेशक द्वारा परिचालन आवश्यकताओं के आधार पर तय की जाएगी।
लिखित परीक्षा अनिवार्य, अन्य बलों पर लागू नहीं
मौजूदा नियमों के अनुसार, पूर्व अग्निवीरों को शारीरिक दक्षता परीक्षा (PET) से छूट दी जाएगी, लेकिन उन्हें लिखित परीक्षा उत्तीर्ण करना अनिवार्य होगा। यह अधिसूचना केवल सीमा सुरक्षा बल (BSF) पर लागू होगी और अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) में फिलहाल कोई बदलाव नहीं किया गया है। उल्लेखनीय है कि बीएसएफ और भारतीय सेना अंतरराष्ट्रीय सीमा और नियंत्रण रेखा (LoC) पर मिलकर काम करते हैं। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी जम्मू-कश्मीर में सीमा पार से हुई फायरिंग के समय बीएसएफ की टीमें भारतीय सेना के साथ कंधे से कंधा मिलाकर तैनात रहीं। इस निर्णय से स्पष्ट है कि सरकार पूर्व अग्निवीरों के अनुभव और प्रशिक्षण को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए और अधिक प्रभावी ढंग से उपयोग करना चाहती है।
